Edited By prachi upadhyay,Updated: 14 Aug, 2019 06:32 PM
ओडिशा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर विराजमान अधिकारियों को सलामी गारद की परंपरा को समाप्त कर दिया।
भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर विराजमान अधिकारियों को सलामी गारद की परंपरा को समाप्त कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने वाहन से लालबत्ती हटाई। उन्होंने सम्मान की प्रतीक रही लाल बत्ती की व्यवस्था को समाप्त करने का आदेश दिया था। और अब उन्होने सलामी गारद की परंपरा को समाप्त करने का फैसला लिया है।
हालांकि, सीएमओ की विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के दौरे पर आने वाले गणमान्य व्यक्तियों, राष्ट्राध्यक्षों, देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, लोकायुक्त, भारत के प्रधान न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायधीश और अन्य न्यायाधीशों के सम्मान में सलामी गारद की परंपरा कायम रहेगी। विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके बाद से स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और उत्कल दिवस (ओडिशा दिवस) के मुख्य अतिथि को सलामी गारद दी जाएगी। एक अन्य फैसले में पटनायक ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान देने के लिए उनके नाम के आगे ‘माननीय' लगाने का आदेश भी जारी किया।