Edited By Anil dev,Updated: 08 Mar, 2019 10:55 AM
सन 1957 से लगातार चुनाव लडऩे व हारने का रिकार्ड कायम कर चुके ओडिशा के शख्स श्याम बाबू एक बार फिर लोकसभा चुनाव में ताल ठोंक कर उतरने को तैयार हैं। श्याम बाबू की उम्र इस समय 82 साल है। वे लगातार 62 सालों से चुनाव लड़ते आ रहे हैं।
नई दिल्ली: सन 1957 से लगातार चुनाव लडऩे व हारने का रिकार्ड कायम कर चुके ओडिशा के शख्स श्याम बाबू एक बार फिर लोकसभा चुनाव में ताल ठोंक कर उतरने को तैयार हैं। श्याम बाबू की उम्र इस समय 82 साल है। वे लगातार 62 सालों से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। अभी तक लगातार चुनाव हारने के बावजूद उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उन्हें सफलता जरूर मिलेगी। श्याम बाबू इस बार ओडिशा की गंजम जिले की दो सीटों अस्का और बरहामपुर से निर्दलीय चुनाव लडऩे का फैसला लिया है। श्याम बाबू सुबुधी पहली बार 1957 में तत्कालीन मंत्री वृंदावन नायक के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
श्यामबाबू ने लोकसभा का पहला चुनाव 1962 में लड़ा था
बरहमपुर में एक स्कूल को लेकर उनका झगड़ा हो गया था। इसी के बाद उन्होंने चुनाव लडऩे का फैसला लिया था। पहला चुनाव उन्होंने हिंजिली विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और हार गए। श्याम बाबू यह चुनाव तो हार गये लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान जो चर्चा उन्हें मिली उससे वे काफी प्रभावित हुए। गर्मी हो या सर्दी वे हमेशा सिर पर कैप, काले बैग और सूट में नजर आते हैं। लोकसभा का पहला चुनाव श्यामबाबू ने 1962 में लड़ा था। वे कहते हैं कि चुनाव लडऩा अब उनका जुनून बन चुका है।
पेशे से होमियोपैथी के डॉक्टर हैं श्याम बाबू
श्याम बाबू पेशे से होमियोपैथी के डॉक्टर हैं ज्यादा कमाई तो नहीं लेकिन उनकी जो भी बचत होती है वे चुनाव लडऩे में खुशी खुशी खर्च कर देते हैं। श्यामबाबू के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनाव 1996 में लोकसभा का चुनाव ता जब बरहमपुर सीट से पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव भी चुनाव लड़ रहे थे। वह ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक और जे.बी. पटनायक के खिलाफ भी मैदान में उतर चुके हैं।