ऑफ द रिकॉर्डः सिद्धू फिर से भाजपा में हो सकते हैं शामिल

Edited By Pardeep,Updated: 12 Dec, 2019 08:37 AM

off the record sidhu may join bjp again

क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आश्चर्य हो रहा है कि नवजोत सिंह जैसा व्यक्ति क्यों चुप है, जो कि हर विषय पर लोगों की आवाज बुलंद करता था। वहीं केंद्र की मोदी सरकार द्वारा...

नेशनल डेस्कः क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आश्चर्य हो रहा है कि नवजोत सिंह जैसा व्यक्ति क्यों चुप है, जो कि हर विषय पर लोगों की आवाज बुलंद करता था।

वहीं केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उन्हें पाक के करतारपुर साहिब की यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी देने को लेकर भी कुछ लोग आश्चर्यचकित थे। इस अवसर पर उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विशेष रूप से आमंत्रित किया था, लेकिन भाजपा नेतृत्व उन्हें भेजने के मूड में नहीं था और चाहता था कि उसे राजनीतिक मंजूरी न दी जाए। वहीं यह  एक उद्घाटन यात्रा थी और उस विशेष दिन में 550 वीजा जारी किए जाने थे,यह भारत सरकार का विशेषाधिकार था कि किसे जारी किया जाए और किसे नहीं। 

सस्पैंस बनाए रखा गया था और नवजोत सिंह को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा आदेश देने के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा राजनीतिक मंजूरी दी गई थी। यह भाजपा की पंजाब इकाई के लिए एक बड़ा आश्चर्य था, जो मुखर रूप से चाहती थी कि नवजोत सिंह को इससे दूर रखा जाए क्योंकि वह सुर्खियों में छा जाएंगे और ऐसा ही हुआ जब सिद्धू का पाकिस्तान में जोरदार स्वागत किया गया।

इमरान खान उन्हें अपनी निजी कार के जरिए सीमा से करतारपुर साहिब ले गए और वापस छोड़ा, जबकि सभी गण्यमान्य व्यक्ति बस में यात्रा करते रहे। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी शामिल थे। वहीं मोदी सरकार ने लोकसभा के सदस्य एस.एस. आहलूवालिया सहित कई भाजपा नेताओं के दावों की अनदेखी करते हुए सिद्धू को राजनीतिक मंजूरी क्यों दी। 

इससे पता चलता है कि नवजोत सिंह सिद्धू अनौपचारिक स्तर पर भाजपा के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। वह उन्हें यह कहते हुए शामिल करना चाहते हैं कि स्वर्गीय अरुण जेतली के कहने पर उन्हें बाहर कर दिया गया था और उन्हें फिर से मौका दिया जाना चाहिए, वह भाजपा में पार्टी के लिए आगामी चुनावों में फायदेमंद होंगे। भाजपा जवाब नहीं दे रही है और केवल शामिल करने के बारे में सोच रही है। वहीं भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि उन्होंने एक वरिष्ठ नेता को टैलीफोन किया था।

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