ऑफ द रिकार्ड: हरियाणा के एस.एस. देसवाल सी.बी.आई. प्रमुख पद की दौड़ में

Edited By Pardeep,Updated: 31 Jan, 2019 05:04 AM

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प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सी.जे.आई.) और लोकसभा में विपक्ष के नेता पर आधारित उच्च स्तरीय चयन समिति की बैठक के नहीं होने से सी.बी.आई. के नए प्रमुख के 1 फरवरी को पद संभालने की संभावनाएं क्षीण दिखाई देती हैं। अभी भी एक संभावना है कि चयन...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सी.जे.आई.) और लोकसभा में विपक्ष के नेता पर आधारित उच्च स्तरीय चयन समिति की बैठक के नहीं होने से सी.बी.आई. के नए प्रमुख के 1 फरवरी को पद संभालने की संभावनाएं क्षीण दिखाई देती हैं। अभी भी एक संभावना है कि चयन समिति की बैठक 31 जनवरी को हो सकती है जबकि समिति के तीनों सदस्य राजधानी में ही होंगे। 
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सी.जे.आई. रंजन गोगोई और मल्लिकार्जुन खड़गे 31 जनवरी को नगर में ही होंगे। अगर चयन समिति की बैठक होती है तो संभवत: 1983 के बैच की आई.पी.एस. अधिकारी रीना मुखर्जी इस पद के लिए छिपा रुस्तम बन सकती हैं। मौजूदा समय में वह केन्द्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में काम कर रही हैं। वह उन अधिकारियों के बैच में सबसे वरिष्ठ हैं जिन्होंने सी.बी.आई. में काम किया और उनको भ्रष्टाचार विरोधी मामले निपटाने में काफी अनुभव है। उनकी समस्या यह है कि वह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगी। 
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अगर चयन समिति की उस दिन बैठक नहीं होगी तो वह यह पद संभालने में नाकाम रहेंगी। अगर चयन समिति की बैठक 31 जनवरी को होती है तो इस बात की बड़ी संभावना है कि सी.बी.आई. को वीना मुखर्जी के रूप में पहली महिला निदेशक मिल सकती है। रोचक बात यह है कि ‘शार्ट लिस्ट’ हुए प्रमुख 10 आई.पी.एस. अधिकारियों में हरियाणा कैडर के एस.एस. देशवाल को यह पद मिल सकता है। मौजूदा समय में वह आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक हैं और उन्होंने 5 वर्ष तक सी.बी.आई. में काम किया है। वह गैर-विवादित अधिकारी हैं। अब यह बात स्पष्ट होकर उभर रही है कि गुजरात कैडर का कोई आई.पी.एस. अधिकारी सी.बी.आई. का अगला निदेशक नहीं हो सकता। राकेश अस्थाना पहले ही बाहर हो चुके हैं। अगर पहले की तरह सी.बी.आई. के साथ काम करने में अनुभव का मापदंड स्वीकार किया जाता है तो गुजरात के डी.जी.पी. शिवानंद झा भी इस दौड़ से बाहर होंगे। 
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मालूम हुआ है कि खडग़े चाहते हैं कि प्रधानमंत्री उन अधिकारियों के नाम पेश करें जिन्होंने पहले सी.बी.आई. के साथ काम किया है। सरकार ने इस संबंध में पूरी तैयारी नहीं की इसलिए खडग़े ने पाया कि मंत्रालय गलत काम कर रहा है। सी.जे.आई. गोगोई भी महसूस करते हैं कि विभिन्न स्तर के अधिकारियों के नाम पूरे विवरण और अनुभव के साथ लाए जाएं। सी.बी.आई. में सबसे अधिक अनुभव के साथ एक अधिकारी जावेद अहमद हैं जो 1984 बैच के हैं और उन्होंने 12 वर्ष तक काम किया है। वह उत्तर प्रदेश के पुलिस के पूर्व महानिदेशक हैं। वास्तविकता यह है कि 2017 में योगी आदित्य नाथ सरकार ने उनको पद से हटा दिया था इसलिए वह पी.एम. की पसंद नहीं हो सकते। अब चयन समिति की अजीब स्थिति में बैठक होगी जिसमें कुछ भी हो सकता है। 

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