Edited By Pardeep,Updated: 10 Oct, 2020 03:33 AM
पी.एम. नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए प्रतिभाओं की तलाश कर रहे हैं। अपने करीबी दोस्त अरुण जेतली और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के निधन के बाद, मोदी एस. जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी जैसे पेशेवरों को लेकर आए और प्रतिष्ठित वित्त मंत्रालय में
नई दिल्लीः पी.एम. नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए प्रतिभाओं की तलाश कर रहे हैं। अपने करीबी दोस्त अरुण जेतली और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के निधन के बाद, मोदी एस. जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी जैसे पेशेवरों को लेकर आए और प्रतिष्ठित वित्त मंत्रालय में निर्मला सीतारमण को पदोन्नत किया, लेकिन कुछ कमी अभी भी उनके द्वारा महसूस की जा रही है।
कुछ हफ्ते पहले, उन्होंने 10 प्रमुख मंत्रियों को अपने मंत्रालयों के प्रदर्शन के बारे में एक प्रस्तुति देने के लिए कहा, जिसमें वित्त, रेलवे, बुनियादी ढांचा आदि शामिल थे। मोदी को उनमें से कुछ के साथ विशेष रूप से सुधारों की धीमी गति के चलते निराशा हुई थी। उनमें से कुछ के बारे में प्रतिकू ल रिपोर्टें भी हैं। मोदी की एक और चिंता यह है कि वित्त मंत्री लोगों से और यहां तक कि पार्टी के कार्यकत्र्ताओं से भी नहीं जुड़ पा रही हैं।
वित्त मंत्री केवल एक अर्थशास्त्री नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक व्यक्ति भी हैं जिनका समाज के विभिन्न वर्गों के साथ जुड़ाव आवश्यक है। नॉर्थ ब्लॉक और लोगों के बीच संचार की खाई को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन दौरान महसूस किया जाता है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस के बिहार चुनाव प्रभारी के रूप में अचानक शामिल होने से संकेत मिलता है कि पी.एम. के दिमाग में कुछ पक रहा है। इस अचानक चौंकाने वाले परिवर्तन ने भाजपा के मौजूदा ढांचे को झटका दिया, इससे कुछ का वर्चस्व गड़बड़ा गया है।
वहीं बिहार चुनाव दौरान फड़नवीस एक सख्त सौदेबाज निकले, जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने हमेशा नीतीश कुमार की पसंद के आगे घुटने टेक दिए थे। अगर यह सौदा सफल रहा तो केंद्र में फड़नवीस का कद और बढ़ जाएगा। इसके बाद, उन्हें केंद्र में लाने और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इससे उनको एक पोर्टफोलियो दिया जा सकता है, जहां उनका कार्य अनुभव इस संचार की खाई को भरनेे में मदद कर सकता है।