Edited By Pardeep,Updated: 28 Aug, 2019 04:11 AM
क्या जम्मू-कश्मीर की कट्टरपंथी पार्टी पी.डी.पी. ने धारा 370 को हटाने पर उसके विरोध के प्रति अपने रुख को बदल लिया है। यदि घाटी से मिल रही रिपोर्ट की मानें तो यह सही ह जानकारी के अनुसार सरकार के विश्वसनीय सूत्र राज्य में सक्रिय हैं जो शायद पी.डी.पी....
नेशनल डेस्क: क्या जम्मू-कश्मीर की कट्टरपंथी पार्टी पी.डी.पी. ने धारा 370 को हटाने पर उसके विरोध के प्रति अपने रुख को बदल लिया है। यदि घाटी से मिल रही रिपोर्ट की मानें तो यह सही है।
जानकारी के अनुसार सरकार के विश्वसनीय सूत्र राज्य में सक्रिय हैं जो शायद पी.डी.पी. समेत विभिन्न पार्टियों से बंद कमरे में बात कर रहे हैं। इस संबंध में बात उस वक्त उछली जब पी.डी.पी. के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन ने धारा 370 व 35 ए को हटाने पर मुख्य राजनेताओं द्वारा केंद्र पर निशाना साधने के लिए उनकी आलोचना की। पी.डी.पी. काउक्त वरिष्ठ नेता जो अभी नजरबंद है, ने कहा कि मुख्य धारा की राजनीति अब नगरपालिका स्तर की हो गई है।
यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि सरकार चाहती है कि जल्द ही कश्मीर में हालात सामान्य हो जाएं। घाटी में पत्थरबाजी को छोड़ पिछले 22 दिनों में कोई बड़ी आतंकी वारदात नहीं हुई इसलिए सरकार घाटी में हालात सामान्य बनाने के लिए बेकरार है। इसके लिए वह नजरबंद नेताओं से भी बात कर रही है।
जब धारा 370 हटी तो उससे एक रात पहले बेग ने मोदी व शाह से मुलाकात की थी इसलिए उन्हें लग रहा है कि अब यह फैसला सरकार नहीं बदलने वाली है क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में कोर्ट भी इसमें दखल नहीं दे सकता। क्योंकि धारा 370 अब हट नहीं सकती है इसलिए बेग को लगता है कि राजनीतिक पार्टियों को धारा 371 व राज्यत्व की मांग करनी चाहिए जिसके तहत उन्हें जमीन व स्थानीय लोगों को रोजगार का अधिकार मिले। वर्तमान में उत्तर पूर्वी राज्यों व हिमाचल प्रदेश को धारा 371 के तहत यह विशेष अधिकार मिला हुआ है।