बिना यूपीएससी के अफसर, 10 पदों के लिए मिले 6000 आवेदन

Edited By Yaspal,Updated: 19 Aug, 2018 07:07 PM

officers without upsc 6000 applications received for 10 posts

केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए निकाले गए जॉइंट सेक्रेटरी के 10 पदों के लिए 6000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। केंद्र ने प्राइवेट सेक्टर की प्रतिभाओं को मौका देने के उद्देश्य से इन पदों पर आवेदन मांगे थे।

नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए निकाले गए जॉइंट सेक्रेटरी के 10 पदों के लिए 6000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। केंद्र ने प्राइवेट सेक्टर की प्रतिभाओं को मौका देने के उद्देश्य से इन पदों पर आवेदन मांगे थे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने लैटरल एंट्री के तहत जॉइंट स्रेकेटरी के 10 पदों पर नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके तहत प्राइवेट सेक्टर के लोग अनुबंध के तहत सरकार से जुड़ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन पदों के लिए 6,077 आवेदन मिले हैं।

जॉइंट सेक्रेटरी के ये पद राजस्व, वित्तीय सेवाओं, इकनॉमिक अफेयर्स, कृषि हित, सड़क एवं परिवहन, जहाजरानी पर्यावरण, वन जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन और वाणिज्य विभाग में हैं। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 30 जुलाई थी। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम शुरू कर दिया है। सामान्य तौर पर जॉइंट सेक्रेटरी के इन पदों पर यूपीएससी के माध्यम से चुनकर आने वाले IAS, IPS, IFS, IRS नियुक्त होते हैं। मनमोहन सरकार में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी लैटरल एंट्री के माध्यम से ही नियुक्त हुए थे।

पिछले महीने सरकार ने संसद में कहा कि इस तरह की नियुक्तियों से प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई प्रतिभाओं को मौका देने और मैनपावर का सही इस्तेमाल करने के उद्देश्य से लैटरल एंट्री के तहत नियुक्तियां की जा रही हैं। पहले भी ऐसा किया जा चुका है।

सिंह ने कहा कि पहले भी ऐसा किया जा चुका है। उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय केलकर, बिमल जालान, शंकर आचार्य, राकेश मोहन, अरविंद वीरमणि, अरविंद पनगड़िया, अरविंद सुब्रमण्यम और वैद्य राजेश कटोच को भी नियुक्ति इसी तरह हुई थी। इसका कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। केलकर वित्त सचिव रह चुके हैं। विमल जालान RBI गवर्नर थे। राकेश मोहन Depty RBI गवर्नर थे और आचार्य, वीरमणि, सुब्रमण्यम आर्थक सलाहकार रह चुके हैं। अरविंद पनगड़िया नीति आयोग के वाइस चेयरमैन रह चुके हैं।

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