आधिकारिक तौर विदा हुआ मानसून, 1994 के बाद हुई सबसे ज्यादा बारिश

Edited By Yaspal,Updated: 30 Sep, 2019 08:54 PM

officially the monsoon departed the highest rainfall since 1994

इस साल धीमी शुरुआत के बावजूद देश में मानसून के दौरान बादल जमकर बरसे और दीर्घावधि औसत से 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। जून से सितंबर तक चार महीने मानसून के माने जाते हैं। इस दौरान देश में 968.3 मिलिमीटर बारिश हुई...

नई दिल्लीः इस साल धीमी शुरुआत के बावजूद देश में मानसून के दौरान बादल जमकर बरसे और दीर्घावधि औसत से 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। इस मौसम में 1994 के बाद देशभर में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। जून से सितंबर तक चार महीने मानसून के माने जाते हैं। इस दौरान देश में 968.3 मिलिमीटर बारिश हुई जो दीर्घावधि औसत 880.6 मिलिमीटर के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है।
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मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस साल मध्य भारत में दीर्घावधि औसत से 29.3 प्रतिशत तथा दक्षिण भारत में औसत से 15.8 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई जबकि पश्चिमोत्तर में औसत से 2.2 प्रतिशत और पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत में औसत से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई। जून में मानसून की प्रगति धीमी रही थी तथा देश में दीर्घावधि औसत की तुलना में 32.8 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी थी।
जुलाई से मानसून ने रफ्तार पकड़ी।
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जुलाई में दीर्घावधि औसत से 4.6 प्रतिशत, अगस्त में 15.4 प्रतिशत और सितंबर में 52.3 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। लंबे समय के औसत से अधिक बारिश होने के बावजूद बारिश का असामान्य वितरण परेशानी का सबब बना रहा।
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मौसम विभाग ने आँकड़े और पूर्वानुमान के लिए देश को 36 उपक्षेत्रों में बाँटा हुआ है। इनमें से 10 में दीर्घावधि औसत से 20 से 59 प्रतिशत अधिक बारिश और दो में 60 प्रतिशत से भी ज्यादा अधिक बारिश हुई। वहीं पाँच उपक्षेत्रों में दीर्घावधि औसत से 20 से 59 प्रतिशत कम बारिश हुई।

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