Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Aug, 2020 08:31 PM
इस्लामिक कोपरेशन आग्रेनाइजेशन यानि कि ओआईसी, 57 मुस्लिम बहुत देशों का संगठन है और उसने अपने एक सदस्य यानि कि पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी है।
श्रीनगर: इस्लामिक कोपरेशन आग्रेनाइजेशन यानि कि ओआईसी, 57 मुस्लिम बहुत देशों का संगठन है और उसने अपने एक सदस्य यानि कि पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी है। कष्मीर को लेकर पाकिस्तान का जुनून या फिर उसपर दावा अब ओआईसी के बस से भी बाहर हो गया था। ओआईसी सउदी का एक संगठन है जो युनिाइटेड नेशनस के तरीकों की तरह ही काम करता है। एक सत्र के दौरान पाकिस्तान बार-बार अपील करता रहा कि उसे कश्मीर पर बात करनी है पर महाद्वीप के सभी मुस्लिम देशों ने उस की बात को सुनने से मना कर दिया। सिर्फ यही नहीं बल्कि भारत ने कश्मीर से जब धारा 370 हटाई तो भी ओआईसी ने चुप्पी ही रखी। अगर देखा जाए तो एक तरह से यह भारत के कदम का समर्थन था। समूह ने तो इस संदर्भ में कोई टिपन्नी तक नहीं की।
धारा 370 समाप्ति की पहली वर्षगांठ पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी खुद पर काबू नहीं रख पाए और ओआईसी के इस रवैये के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल दिया। उन्होंने सउदी से भी नाराजगी जताई क्योंकि तुर्की और मलेश्यिा द्वारा स्थापित इस्लामिक देशों के समूह में पाकिस्तान को सुविधा नहीं देने की पैरवी सउइी ने की थी। सिर्फ यही नहीं बल्कि सउदी के निदेश पर ही कुआलालम्पुर में आयोजित मेें एक सम्मेलन में पाकिस्तान को नहीं बुलाया गया। अब पाकिस्तान इसका बदलना लेने की सोच रहा था और उसने कश्मीर पर एक सत्र आयोजित करने की कोशिश की। मजेदार बात यह रही कि समूह के बहुसख्ंयक सदस्यों ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिय और सीधे तौर पर पाकिसतान के सुझाव को नकार दिया। पाकिस्तान के लिए यह शर्म की बात थी। जिस ग्रुप का वो फांउडर मेम्बर था वहीं उसकीी फजीहत हो गई।
कोरोना महामारी के बाद हर देश अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षाा कर रहा है और उसने नये नियम भी बनाए हैं। बात अगर सउदी अरब की करें तो तेल संपन्न यह देश भी महामारी के दंश को झेल रहा है। उसने पवित्र यात्रा को तीन महीनों के लिए रदद कर दिया और इससे उसे नुकसान हुआ है। रमजान में उसने सभी रैलियों को रदद कर दिया और हज यात्रियों को भी बहुत कम संख्या में अनुमति दी जा रही है। यह निर्णय लोगों की जान की कीमत को ध्यान में रखते हुये लिए गए। अब वो अपनी आर्थिक दशा को बेहतर करने की तरफ ध्यान दे रहा है। सदउी अरब ऐसे में पाकिस्तान का कश्मीर जुनून बर्दाशत नहीं कर रहा है और न ही इस पर समय बर्बाद करना चाहता है।