OLX से Online खरीदारी करने वाले हो जाएं सावधान

Edited By Anil dev,Updated: 07 Oct, 2019 11:44 AM

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ऑनलाइन वाहनों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। डिजिटल होती दुनिया में ठगी का अंदाज बदल रहा है। एटीएम कार्ड की डिटेल लेकर ठगी व ओएलएक्स पर कार, बाइक व अन्य सामान बेचने का विज्ञापन देकर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

नई दिल्ली: ऑनलाइन वाहनों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। डिजिटल होती दुनिया में ठगी का अंदाज बदल रहा है। एटीएम कार्ड की डिटेल लेकर ठगी व ओएलएक्स पर कार, बाइक व अन्य सामान बेचने का विज्ञापन देकर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग ग्राहकों को खुद को सेना के अफसर के रूप में परिचय देकर उन्हे सस्ते में अच्छी कार देने का लालच देकर उनकी मेहनत की कमाई में सेंध लगा रहे हैं। ठगी के ऐसे मामले लगातार सामने आने के बाद भी अधिकांश मामलों में पुलिस खाली हाथ है। फोन कॉल के डिटेल्स और जिन खातों में रुपए डाले गए हैं उनमें से ज्यादातर सुदूर प्रांतों के पाए जाते हैं। इन्हें पकडऩा मुश्किल है। ऐसे मामले में लोगों की मेहनत की कमाई को केवल सतर्कता ही बचा सकती है। 
 

इस तरह की जाती है ठगी 
ठग कम कीमत पर सामान बेचने का एड ओएलएक्स पर डालते हैं। फोन पर संपर्क करने वाले को वे खुद को सेना का अफसर बताते हैं और कहते हैं कि दूसरी कार खरीदनी है इसीलिए इसको हटा रहे हैं। बातचीत हो जाने पर वे कुछ पैसा अपने खाते में डालने के लिए कहते हैं। पैसे मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन, ट्रांसपोर्टेशन और अन्य खर्च की बात कहकर और रुपए मांगते हैं और इस तरह खरीदने वाला ठगा रह जाता है। 


डालते है फर्जी आईडी कार्ड भी 
खुद को आर्मी का अफसर होने का विश्वास दिलाने के लिए ठग आर्मी कैंटीन का और आर्मी का फर्जी आईकार्ड व्हाट्सएप पर भेज विश्वास में लेकर ठगी का शिकार बनाया जाता है। कई बार शिकार को आर्मी के अफसरों के साथ अपनी बहुत सारी फोटो भी भेजी जाती हैं। 


5 हजार से ज्यादा के सामान पर होती है ठगों की नजर
खासतौर पर 5000 रुपए से ज्यादा कीमत का सामान ऑनलाइन एप पर डालने वाले को ठगने के लिए फोन जरूर कर रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि आपके विज्ञापन डालते ही जालसाज का फोन आ जाए और कुछ देर तक कीमत में जानबूझकर कम कराकर खुद को असली खरीदार बताने का प्रयास करें। इसके बाद आपके मोबाइल नंबर से लिंक पेटीएम, यूपीआई, भीम ऐप, फोन-पे या अन्य ऐप के जरिए तुरंत पैसे भेजने का झांसा दे दें। इसके बाद जालसाज की तरफ से पैसे ट्रांसफर करने के नाम पर भेजे गए मैसेज को रिसिव करते ही आपके ही बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिया जाता है।


अंग्रेजी में आए मैसेज के कारण भी लोगों को परोशानी 
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि मोबाइल से लिंक होने वाले बैंकिंग ऐप जैसे भीम या फोन.पे या पेटीएम पर भी सेंड मनी और रिक्वेस्ट मनी के दो ऑप्शन होते हैं। अगर किसी को पैसे सेंड करना है तो उसके लिए कोई मैसेज भेजने की जरूरत ही नहीं होती है। इसके बजाय पैसे सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। वहीं, रिक्वेस्ट मनी में ही  पूछा जाता है कि आपके बैंक अकाउंट से पैसे डेबिट किया जाना है। मगर लोग इस बारीकी को समझ नहीं रहे हैं। ऐसे में जालसाज फोन पर बात करते हुए रिक्वेेस्ट मनी भेजकर और बैलेंस चेक कराने के नाम पर पिन नंबर डलवाकर ठगी कर ले रहे हैं।
 

सेंड मनी की जगह रिक्वेस्ट मनी मैसेज
ओएलएक्स पर विज्ञापन को देख जालसाज सामान खरीदने के नाम पर झांसे में लेकर एडवांस पैसे भेजने के नाम पर सेंड मनी की जगह रिक्वेस्ट मनी का मैसेज भेजते हैं और जल्दबाजी में लोग उसे क्लिक कर देते हैं। जिस कारण अटैच बैंकिंग अकाउंट से सेकेंडों में पैसे ट्रांसफर हो जा रहा है।


लिंक से हो रही ठगी
इस तरह के मामले में जालसाज आपके यूपीआई या फोन बैंकिंग वाले नंबर का पहले पता लगा लेते हैं। इसके बाद उस पर कोई लुभावने मैसेज या अन्य कोई ट्रांजैक्शन का लिंक भेज देते हैं। उस लिंक पर क्लिक करते ही वायरस के जरिए फोन की पूरी डिटेल अपने सिस्टम पर सेव कर लेते हैं। 

इन बातों का रखें ध्यान

  •  जिस फोन नंबर से आपका बैंक अकाउंट जुड़ा हो, उस पर आए किसी मैसेज के लिंक पर क्लिक न करें।
  •  पैसों के लेनदेन के लिए आए मैसेज को ध्यान से पढ़ें क्योंकि उसमें अंग्रेजी मेें पैसे डेबिट होने की बात होती है।
  • अगर आप ओएलएक्स पर कोई सामान का विज्ञापन देते हैं तो अपने नंबर को हाइड रखें।
  •  अगर कोई बात करनी है तो व्हाट्सएप पर चैट करने के बजाय कोशिश करें कि ओएलएक्स ऐप पर ही चैट हो।
  •  अगर फोन बैंकिंग नंबर दें तो जरूर ध्यान रखें कि पैसे मंगाते समय रिक्वेस्ट मनी मैसेज की जरूरत ही नहीं होती है।
     

ऐसे हैं और मामले
सीआरपीएफ  का जवान बताकर 1 लाख 96 रुपए ठग लिए
खुद को सीआरपीएफ  व सेना का जवान बता ठगों ने 2 लोगों को ओएलएक्स पर कार बेचने के बहाने ठग लिया। आरोपी ने पीड़ितों से पेटीएम के जरिए अकाउंट में रुपए मंगा लिए लेकिन उन्हें कार नहीं भेजी। बाद में आरोपी ने फोन बंद कर लिया। आरोपी ने गाजीपुर निवासी विलोचन से 1 लाख 96 रुपए ठग लिए।  
 

सेना का जवान बनकर ठगे 1 लाख 39 हजार
जबकि खजूरी खास निवासी प्रमोद (35) से 1 लाख 39 हजार रुपए ठग लिए। प्रमोद ने सीआरपीएफ  हेड क्वार्टर पहुंच नवनीत सिंह तोमर के बारे जानकारी जुटाई। पता चला कोई शख्स नवनीत की वर्दी वाले फोटो का गलत प्रयोग कर रहा है।  
 

दिल्ली और एनसीआर में 500 से ज्यादा लोगों को ठगा
दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी में ओएलएक्स पर बाइक, बुलेट, कार और अन्य सामान बेचने के नाम पर अब तक करीब 500 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की जा चुकी है। इन गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली पुलिस, यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा पुलिस ने सयुक्त प्रयास शुरू किया है। 
 

सेना के प्रति विश्वास का उठाते हैं फायदा
सीआईएसफ और इंडियन आर्मी के कुछ जवानों के नाम, आईडी कार्ड, आधार कार्ड और वर्दी में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जाता है। ठगों को पता है कि लोगों के दिलों में सेना के जवानों के प्रति विश्वास है कि सेना का जवान झूठ नहीं बोलेगा। 
 

सेना का जवान समझ कर कर दी पेमेंट
ठगी का शिकार हो चुके राजिंद्र कुमार ने बताया कि उसने फोन खरीदने के लिए पंद्रह हजार के आसपास पैसे भेजे थे। पीड़ित बताते हैं कि उसने हमसे फोन पर कई बार बात की। उसने प्रोडक्ट की तस्वीरें भी व्हाट्सएप की और सबसे बड़ी बात उसने बाताया कि वो आर्मी से जुड़ा है। उसने हमें अपना आईडी कार्ड, आधार कार्ड और वर्दी में अपनी तस्वीर भी भेजी तो ये सब देखकर लगा कि आर्मी का जवान झूठ तो बोलेगा नहीं, सो हमने विश्वास कर लिया।

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