Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Nov, 2018 12:05 PM
राजनीति में न कोई स्थाई दुश्मन होता और न ही कोई स्थाई दोस्त वाली कहावत उस वक्त चरितार्थ हुई जब नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने धुर विरोधी राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती की टिप्पणियों को रीट्वीट किया
श्रीनगरः राजनीति में न कोई स्थाई दुश्मन होता और न ही कोई स्थाई दोस्त वाली कहावत उस वक्त चरितार्थ हुई जब नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने धुर विरोधी राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती की टिप्पणियों को रीट्वीट किया और कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह उनकी टिप्पणियों को रीट्वीट करेंगे।
उमर ने अपने ट्वीट में कहा,‘‘और मैंने कभी नहीं सोचा था कि आपसे सहमत होऊंगा।
राजनीति वाकई में अजीब संसार है। आगे की लड़ाई के लिए शुभकामनाएं।’’ उमर ने महबूबा के बयान को 15 मिनट में चार बार रीट्वीट किया। यहां बता दें कि राज्य में एक-दूसरे के विरोधी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने की जुगत लड़ा रहे थे लेकिन राज्यपाल ने विधानलभा भंग करके तीनों पार्टियों के अरमानों पर पानी फेर दिया और इनकी सरकार बनते-बनते रह गई।
भले ही महबूबा और उमर एक साथ सरकार न बना पाए हों लेकिन इस दौरान वे विरोधी से दोस्त जरूर बन गए लगते हैं।