Edited By ,Updated: 04 Mar, 2017 06:40 PM
21 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज के बाहर हुई हिंसा और एबीवीपी के प्रदर्शन के जवाब में आज वामपंथी छात्र संगठन।
नई दिल्ली: 21 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज के बाहर हुई हिंसा और एबीवीपी के प्रदर्शन के जवाब में आज वामपंथी छात्र संगठन मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक प्रदर्शन किया। इसमें डीयू और जेएनयू से जुड़े छात्र-छात्राएं शामिल हुए। मार्च में शामिल छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि सरकार पूछती है 20 साल की गुरमेहर के दिमाग में जहर किसने भरा, लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि जब भगत सिंह को फांसी लगी तो उनकी उम्र क्या थी। छात्रों ने कहा वह क्या पहनेंगे क्या बोलेंगे इसे सरकार नहीं तय कर सकती।
छात्रों के प्रदर्शन में पहुंचे कन्हैया
जंतर-मंतर में छात्रों के प्रदर्शन में पहुंचे जदयू के राज्यसभा सांसद केसी त्यागी और सीताराम येचुरी ने आश्वासन दिया कि रामजस विवाद को संसद में उठाया जाएगा। छात्रों की सभा में जेएनयू के पूूूूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया भी पहुंचा। इसके अलावा योगेंद्र यादव भी वहां छात्रों के बीच मौजूद हैं। सीताराम येचुरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको यहां पढ़ाई और लड़ाई दोनों करना है, हम आपके साथ हैं। भाजपा और एबीवीपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कौन राष्ट्रवादी है और कौन नहीं है, इसका निर्णय लेने वाले ये कौन होते हैं।
पहली बार बोले उमर खालिद
रामजस कालेज में होने वाले सेमिनार में जिसके बोलने को लेकर विवाद उठा वह थे उमर खालिद। आज छात्रों के बीच पहली बार प्रदर्शन के लिए पहुंचे उमर ने कहा कि वे कहते हैं कि मेरे बोलने से छात्र भड़कते हैं। मैं कहता हूं कि आपको भड़कना भी चाहिए। असमानता के खिलाफ लडऩे वालों को बिल्कुल भड़कना चाहिए। अब गुलामी के दिन खत्म हो गए, पहले वे आते थे और हमें पीटकर चले जाते थे, पर अब ऐसा नहीं होगा।