नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हुए पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में दीये जलाए, प्रार्थना की और मिठाइयां बांटीं। साथ ही अपनी मांगें पूरी होने तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। हजारों की संख्या में मौजूद किसानों में से कई ने कहा कि गुरु नानक जयंती मुश्किल...
नई दिल्लीः नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हुए पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में दीये जलाए, प्रार्थना की और मिठाइयां बांटीं। साथ ही अपनी मांगें पूरी होने तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। हजारों की संख्या में मौजूद किसानों में से कई ने कहा कि गुरु नानक जयंती मुश्किल समय में एकजुट रहकर उसका सामना करने और कठिन समय के दौरान भी सकारात्मक सोच बनाए रखने की सीख देती है।
अपने 85 वर्षीय दादा के साथ पटियाला से आए गुरपाल सिंह (25) ने कहा कि गुरु नानक जयंती सिखों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है, लेकिन इस दिन भी परिवार से दूर रहने के बावजूद उनका उत्साह कम नहीं हुआ है। सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक-दूसरे को गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं देकर अपने दिन की शुरुआत की।
पटियाला में पंजाब विश्वविद्यालय की छात्रा जसप्रीत सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि इस मौके पर वह अपने घर से दूर हैं। पंजाब के मोहाली से आए 56 वर्षीय जसमेर सिंह ने कहा, '' सुबह हमने खीर बनाई और इसे वितरित किया। हमनें पराठे और दाल भी बनाई। हम सड़क पर हैं लेकिन पंजाबी ऐसे लोग हैं जोकि हर हालात में खुश रहते हैं और मुश्किल समय में भी त्योहार मनाते हैं।''
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