Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jun, 2019 02:27 PM
भारत के कई शहर इस समय भीषण जल संकट से गुजर रहे हैं। जलाशयों में पानी का घटता जल स्तर चिंता का बड़ा कारण बनता जा रहा है क्योंकि अगर ऐसे ही पानी सूखता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब लोग एक-एक बूंद को तरस जाएंगे।
नई दिल्लीः भारत के कई शहर इस समय भीषण जल संकट से गुजर रहे हैं। जलाशयों में पानी का घटता जल स्तर चिंता का बड़ा कारण बनता जा रहा है क्योंकि अगर ऐसे ही पानी सूखता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब लोग एक-एक बूंद को तरस जाएंगे। चेन्नई में जल संकट बड़ी समस्या बन गया है। पानी की कमी के चलते यहां कई कंपनियों ने कर्मचारियों को ऑफिस आने से मना कर दिया है और 'वर्क फ्रॉम होम'' लागू कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में WWF ग्लोबल वाटर स्टीवार्डशिप लीड के एलेक्सिस मॉर्गन ने बताया कि दुनिया के कई शहर जल संकट से जूझ रहे हैं और इनमें भारत का चेन्नई नंबर एक पर है। रिपोर्ट के मुताबिक चेन्नई दुनियाभर में सबसे ज्यादा जल संकट वाला शहर बन गया है उसके बाद कोलकाता दूसरे नंबर है। तीसरे नंबर पर तुर्की का शहर इस्तांबुल है। दिल्ली में भी जल संकट गहराता जा रहा है।
ये शहर जूझ रहे गंभीर जल संकट से
- चेन्नई
- कोलकाता
- इस्तांबुल
- चीन का चेंगदू
- बैंकाक
- तेहरान
- जापान का जकार्ता
- अमेरिका का लॉस एंजेलिस
- चीन का तियानजिन
- मिस्त्र का काहिरा
- मुंबई
- दक्षिण कोरिया का सियोल
- चीन का शेन्ज़ेन शहर
- बंगलादेश का ढाका
- दिल्ली
- पाकिस्तान का कराची
- पेरु का लीमा
- ब्राज़ील का रियो डि जेनेरो
- चीन का बीजिंग
- पेरिस
रिपोर्ट के मुताबिक जल संकट से जूझ रहे शहरों में ज्यादातर शहर नदियों के किनारे बसे हैं और यहां पर आबादी भी काफी ज्यादा है जिस कारण पानी का प्रयोग अधिक होता है। जल सकंट का दूसरा कारण है जलवायु परिवर्तन। जल संकट पर किए गए शोध के मुताबिक बढ़ती आबादी के कारण जंगल खत्म हो रहे हैं जिसकारण रफ्तार से जल स्रोत सूख रहे हैं। इस साल मानसून में जहां देर हुई है वहीं बारिश में भी कमी आई है।
चेन्नई की हालत चिंताजनक
चेन्नई की हालत काफी खराब है। यहां पानी की सप्लाई करने वाली चार प्रमुख झीलें सूख चुकी हैं। यहां जल संकट को कम करने के लिए एक करोड़ लीटर पानी वेल्लोर के जोलारपेट से ट्रेन से मंगाया गया। शहर में जल भंडारण बढ़ाने के लिए जल इकाइयों की मरम्मत और उन्हें मजबूत करने का काम किया जा रहा है। लगभग 40 लाख से ज्यादा आबादी वाला यह शहर सरकारी टैंकरों के सहारे है।