Edited By shukdev,Updated: 23 Jun, 2019 09:20 AM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र,एक चुनाव के मसले पर पहले पैनल गठित करें और विशेषज्ञों रिपोर्ट की आने पर ही इस पर चर्चा हो सकती है। खुर्शीद शनिवार ...
फरूर्खाबादः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र, एक चुनाव के मसले पर पहले पैनल गठित करें और विशेषज्ञों रिपोर्ट की आने पर ही इस पर चर्चा हो सकती है। वहीं पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने कोई खड़ा नहीं हो पाया। पीएम मोदी की सुनामी में सब कुछ बह गया, पर गनीमत रही कि हम जिंदा हैं और आप लोगों से बात कर रहे हैं। खुर्शीद शनिवार शाम संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। एक राष्ट्र, एक चुनाव सवाल पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि ,‘‘वह जो कहते हैं या करते हैं और क्यों कर रहे हैं या तो वह बताते नहीं इसकी जो भी वजह हो सटीक नहीं होती है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक पैनल गठित कर विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने पर, देश के सामने रखने रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसे जिसने जितना ममझना है वह उतना समझ गया और जिसने नहीं समझा वो अनाड़ी है, वैसे पैनल की रिपोर्ट आने पर इस पर बड़ी चर्चा हो सकती है। एक चुनाव के मसले पर आम जनमत कराए जाने के सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि कनाडा, ब्रिटेन आदि देशों में किसी भी मसले को लेकर आम जनमत हुआ, लेकिन हमारे देश में अभी तक आमजनमत पर पूर्ण रूप से कभी भी समर्थन नहीं किया गया। जिसके बहुत से कारणों में आमजनमत के प्रति विश्वास जाग्रत का न होना रहा और जनमत पर जनमत होना बड़ा कठिन प्रश्न और चर्चा का विषय है। उन्होंने कहा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने स्तर से निर्णय लेंगे और पार्टी को दिशा निर्देश देेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुर्शीद ने कहा कि हमारे देश में ऐसी व्यवस्था है कि जिसकी सरकार बहुमत में होती है और किसी वजह से बहुमत खत्म हो जाये, सरकार गिर जाये तो बीच में चुनाव नहीं होगा, लेकिन निर्धारित समय पर चुनाव होगा।
सेन्ट्रल में राष्ट्रपति शासन नहीं लग सकता और जब तक ऐसी समस्या सामने नहीं आती तब तक इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। एक अन्य सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्पष्ट बहुमत वाली सरकार है ,जो जिस कानून को चाहे बदल सकती है, संविधान में बदलाव कर सकती है ,लेकिन हमारी संवैधानिक व्यवस्थाएं ऐसी हैं। जो अंकुश लगाए हुए हैं और उच्चतम न्यायालय भी रोक लगाती है। ऐसे में आगे कुछ भी कहना अभी उचित नहीं होगा समय आने पर कहा जा सकता है।