Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 01:21 PM
नोटबंदी को हुए पूरा एक साल हो गया है। 8 नवंबर, 2016 की तारीख को कोई नहीं भूल सकता। देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम पर संबोधन पढ़ रहे थे। सबके दिमाग में था कि पीएम अचानक रात को संबोधित क्यों कर रहे हैं। सब सांसे थामे मोदी को सुन रहे थे, सवाल कौंध...
नई दिल्ली: नोटबंदी को हुए पूरा एक साल हो गया है। 8 नवंबर, 2016 की तारीख को कोई नहीं भूल सकता। देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम पर संबोधन पढ़ रहे थे। सबके दिमाग में था कि पीएम अचानक रात को संबोधित क्यों कर रहे हैं। सब सांसे थामे मोदी को सुन रहे थे, सवाल कौंध गया कि कहीं भारत-पाकिस्तान का युद्ध तो नहीं छिड़ने वाला लेकिन इसके इतर पीएम ने जो घोषणा की उससे कई लोगों के हाथ-पांव फूल गए।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 500 और 1000 रुपए के नोटों को तत्काल चलन से बाहर करने का ऐलान कर दिया। मोदी की इस घोषणा के बाद आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े कारोबारी तक हैरान रह गए। जहां लोग अपने लाखों रुपए बदलवाने के लिए घबरा रहे थे वहीं गरीब आदमी और घरेलू महिलाओं को अपने जोड़कर रखे हजार रुपए की चिंता थी। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से मोदी का वहीं भाषण वायरल हो रहा है जो उन्होंने उस रात देश के नाम पढ़ा था। पीएम ने तब कुछ शब्दों का बड़े जोर देकर इस्तेमाल किया था। वो शब्द थे-मेरे प्यारे देशवासियों, बहनों-भाइयों और मेरे प्यारे देशवासियों। अपने संबोधन का अंत मोदी ने भारत माता की जय उदघोषणा के साथ किया था। नोटबंदी के बाद आम जन को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। कांग्रेस ने बुधवार को इसे काला दिवस के रूप में मनाया।