सिर्फ BS-VI वाहन ही अप्रैल 2020 से बिकेंगे, कार पर भी होगा लागू

Edited By Yaspal,Updated: 24 Oct, 2018 09:34 PM

only bs vi vehicles will be sold from april 2020

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि एक अप्रैल, 2020 से देश में ‘‘भारत स्टेज-4’’ (बीएस-4) श्रेणी के वाहनों की बिक्री और पंजीकरण नहीं होगा...

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि एक अप्रैल, 2020 से देश में ‘‘भारत स्टेज-4’’ (बीएस-4) श्रेणी के वाहनों की बिक्री और पंजीकरण नहीं होगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि उत्सर्जन के नये नियमों को पेश करने के समय में किसी तरह का विस्तार नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा क्योंकि प्रदूषण ‘‘खतरनाक और नाजुक स्तर पर’’ पहुंच गया है। गौरतलब है कि केन्द्र ने 2016 में घोषणा की थी कि देश में बीएस-5 नियमों को अपनाए बगैर ही 2020 तक बीएस-6 नियमों को अपना लिया जाएगा।

PunjabKesari

न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हालांकि, कुछ वाहन निर्माता दुर्भाग्य से और पैसा बनाने के लिए समय सीमा को खींचना चाहते हैं। भारत स्टेज उत्सर्जन मानक वे नियम हैं जो सरकार ने मोटर वाहनों से पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण के नियमन के लिए बनाए हैं। भारत स्टेज-6 (या बीएस-6) उत्सर्जन नियम एक अप्रैल, 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएंगे। पीठ ने इस बात का जिक्र किया कि दुनिया के 20 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में भारत के 15 शहर हैं। न्यायालय ने कहा कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रदूषण का प्रभाव इतना ज्यादा है कि विनिर्माताओं द्वारा हासिल किए जाने वाले आंशिक अतिरक्त मुनाफे के रूप में इसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

PunjabKesari

न्यायालय ने कहा, ‘‘इसलिए यह स्वास्थ्य और धन के बीच एक संघर्ष है, बेशक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी।’’ पीठ ने कहा कि हम यहां एक ऐसी स्थिति से निपट रहे हैं जहां बच्चे और अजन्मे बच्चे प्रदूषण का सामना कर रहे हैं तथा इसमें अंतर - पीढ़ीगत समता शामिल है। न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि विनिर्माताओं के पास बीएस - 6 वाहन तैयार करने के लिए पर्याप्त से अधिक समय है।न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘उनके (विनिर्माताओं के) पास ऐसा करने की प्रौद्योगिकी पहले से है।‘‘ऑटोमोबाइल उद्योग को इस सिलसिले में इच्छा, जिम्मेदारी और तत्परता अवश्य दिखानी चाहिए।’’

PunjabKesari

शीर्ष न्यायालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में शामिल किए गए एक उप नियम को बहुत ही अस्पष्ट करार दिया। यह एक अप्रैल, 2020 से पहले विनिर्मित बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिये तीस और छह महीने की अतिरिक्त अवधि देने से संबंधित है। न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि यूरोप ने 2015 में ही यूरो -6 मानकों को लागू कर दिया और भारत पहले से ही कई साल पीछे चल रहा है।  पीठ ने कहा, ‘‘हम और एक दिन भी पीछे रहने को वहन नहीं कर सकते हैं। वक्त की दरकार है कि यथाशीघ्र एक स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ा जाए।’’

PunjabKesari

न्यायालय ने कहा कि कुछ विनिर्माता 31 मार्च 2020 की समय सीमा का पालन करने को इच्छुक नहीं हैं। इसका कारण यह नहीं है कि उनके पास प्रौद्योगिकी नहीं है बल्कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से वाहनों की लागत में बढोतरी होगी जिससे बिक्री और आखिरकार मुनाफे में कमी होगी। पीठ ने कहा कि धुआं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में रहना, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवण की गुणवत्ता के दायरे में आता है। पीठ ने स्पष्ट किया कि एक अप्रैल, 2020 से पूरे देश में बीएस-6 के अनुकूल वाहनों की ही बिक्री की जा सकेगी। पीठ ने कहा कि और अधिक स्वच्छ ईंधन की ओर बढऩा वक्त की जरूरत है। बीएस-4 नियम अप्रैल 2017 से देशभर में लागू हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!