Edited By vasudha,Updated: 08 Apr, 2021 10:21 AM
कोरोना नाम की आफत से एक बार फिर देश की रफ्तार थम दी है। जहां एक तरफ कई राज्य इस आफत को रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं तो वहीं अस्पतालाें को भी काफी सतर्कता बरतनी पड़ रही है। अब इसी कड़ी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने आज से...
नेशनल डेस्क: कोरोना नाम की आफत से एक बार फिर देश की रफ्तार थम गई है। जहां एक तरफ कई राज्य इस आफत को रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं तो वहीं अस्पतालाें को भी काफी सतर्कता बरतनी पड़ रही है। अब इसी कड़ी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने आज से स्पेशलिटी क्लिनिक और सभी केंद्रों समेत ओपीडी में मरीजों का पंजीकरण अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। एम्स के नए आदेश के अनुसार अब इलाज के लिए बिना अपॉइंटमेंट के सीधे पहुंचने वाले मरीजों का ओपीडी रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।
एम्स ने कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक स्तर पर फैलने की संभावना को कम करने के लिए ये फैसला लिया है। एम्स ने कहा कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और स्पेशलिटी क्लिनिक में पहले से समय लेकर आने वाले मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। अगले चार सप्ताह तक संस्थान के सभी विभाग ओपीडी में नए और पुराने मरीजों की संख्या की सीमा तय कर सकते हैं।
याद हो कि कोरोना संकट के चलते पिछले साल 18 मार्च से एम्स में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गईं थी। कछ समय बाद कई प्रतिबंधों के साथ ओपीडी को खोला गया था। शुरू में एक विभाग में सिर्फ 15 मरीज जा सकते थे। बाद में ओपीडी में सभी विभागों के लिए मरीजों की संख्या बढ़ाकर 30 हो गई थी।4 फरवरी से ओपीडी सेवा पूरी तरह सामान्य की दी गई थी। इसके बाद सभी विभागों में रोजाना नए और पुराने मरीजों को मिला कर 150 मरीज देखे जाने लगे थे, अब एक बार फिर से इसे सीमित कर दिया गया है।
एम्स प्रशासन के अनुसार कोरोना का संक्रमण कम करने के लिए ओपीडी सेवाओं को कम करने का फैसला किया गया है। अपॉइंटमेंट के पहुंचने वाले मरीजों को अब ओपीडी में नहीं देखा जाएगा। सिर्फ ऑनलाइन और कॉल के जरिए अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों को ही ओपीडी में इलाज मिलेगा।