सुनिये सुषमा स्वराज की जुबानी, किस तरह 7 हजार लोगों को यमन से निकाला

Edited By shukdev,Updated: 07 Aug, 2019 08:45 PM

पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को 67 की उम्र में निधन हो गया। सुषमा पिछले लंबे समय से बीमार थीं। बीमारी के चलते उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया था। 2014 ...

नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को 67 की उम्र में निधन हो गया। सुषमा पिछले लंबे समय से बीमार थीं। बीमारी के चलते उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया था। 2014 में उन्होंने विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी बतौर विदेश मंत्री उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिसकी तारीफ न सिर्फ भारतीयों ने की बल्कि पूरी दुनिया भी उनकी मुरीद हो गई।

साल 2015 में युद्धग्रस्त यमन में जब विद्रोहियों और यमन सरकार के बीच जंग छिड़ी तो वहां काम कर रहे हजारों भारतीय इस जंग के बीच में फंस गए। जंग लगातार बढ़ती जा रही थी और सऊदी अरब की सेना लगातार यमन में बम गिरा रही थी। इसी बीच यमन में फंसे भारतीयों ने विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज से मदद की गुहार लगाई। भारत के लोगों को निकालने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सउदी अरब के प्रिंस से बात की थी। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि भारत के फंसे लोगों को निकालने के लिए थोड़े समय के लिए हमला रोक दें तो भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा सकता है।

पीएम मोदी के साथ अच्छे संबंधों के चलते सऊदी शाह 1 हफ्ते तक सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच बमबारी रोकने पर राजी हो गए।इसके बाद भारत सरकार ने वायुसेना के जरिए यमन में 'ऑपरेशन राहत' चलाकर इस अभियान में न सिर्फ अपने 4640 देशवासियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला, बल्कि 2000 के लगभग 48 अन्य देशों के लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। इस ऑपरेशन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अहम भूमिका रही।

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