Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Nov, 2019 10:48 AM
40 साल की महिला ने एक सरकारी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद भी महिला के पेट का दर्द कम नहीं हो रहा था। लगातार छह महीने से वह डॉक्टरों के चक्कर लगा रही थी लेकिन आराम नहीं मिला। आखिरकार 15 अक्तूबर को महिला के घरवालों ने उसे...
नई दिल्लीः 40 साल की महिला ने एक सरकारी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद भी महिला के पेट का दर्द कम नहीं हो रहा था। लगातार छह महीने से वह डॉक्टरों के चक्कर लगा रही थी लेकिन आराम नहीं मिला। आखिरकार 15 अक्तूबर को महिला के घरवालों ने उसे हिंदूराव अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद उसके पेट से एक तौलिया और बैंडेज निकाला। मामला उत्तर प्रदेश के बागपत का है। महिला निशा ने यहां एक सरकारी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के तीन दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन इसके बाद पेट का दर्द ठीक नहीं हुआ।
पेट में काफी दर्द होने पर दोबारा उसी अस्पताल में महिला को भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने दवाइयां बदल दीं और कहा कि इससे आराम मिल जाएगा, फिर भी कोई राहत नहीं मिली। अस्पताल के डॉक्टरों ने तीसरी बार फिर निशा को भर्ती कराने के लिए कहा। इस बार भी डॉक्टरों ने दवाइयां ही बदल कर दीं, पर पेट दर्द ठीक नहीं हुआ। जब पेट का दर्द कम नहीं हुआ तो महिला के पति उसे हिंदूराव अस्पताल लेकर आए। यहां 15 दिनों तक डॉक्टरों ने निसा को अपनी निगरानी में रखा और कई टेस्ट कराए।
30 अक्तूबर को महिला का फिर से ऑपरेशन किया गया तो पेट से तौलिया और बैंडेज निकाला गया है। हालांकि महिला की स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है। वहीं महिला के परिजनों ने कहा कि बागपत अस्पताल के डॉक्टरों के लापरवाही के कारण उनकी बहन की जान पर बन आई और अभी भी उसकी स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाएंगे।