अमित शाह के 'एक राष्ट्र, एक भाषा' वाले बयाने पर छिड़ा विवाद, विपक्ष ने खोला मोर्चा

Edited By vasudha,Updated: 14 Sep, 2019 06:31 PM

opposition attack on amit shah about one nation one language

गृह मंत्री अमित शाह हिंदी दिवस के अवसर पर 'एक राष्ट्र, एक भाषा' पैरवी कर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी दलों ने हिंदी को देश की भाषा बनाने वाले कथन की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश की एकता को प्रभावित करने वाला करार देते हुए बयान वापस...

नेशनल डेस्क: गृह मंत्री अमित शाह हिंदी दिवस के अवसर पर 'एक राष्ट्र, एक भाषा' पैरवी कर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी दलों ने हिंदी को देश की भाषा बनाने वाले कथन की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश की एकता को प्रभावित करने वाला करार देते हुए बयान वापस लेने की मांग की है। शाह ने हिंदी दिवस पर ट्वीट कर कहा था कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।

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इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा की कीमत पर नहीं। बनर्जी ने ट्वीट किया कि हिंदी दिवस पर सभी को मेरी शुभकामनाएं। हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएं सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृभाषा कभी भूलनी नहीं चाहिए।

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पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, द्रमुक के एम के स्टालिन ने शाह के बयान का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सफाई मांगी। स्टालिन ने कहा कि हम हमेशा से हिंदी को थोपे जाने का विरोध करते रहे हैं। आज के अमित शाह के बयान ने मुझे झटका दिया। ये देश की एकता को प्रभावित करेगा। हम उनसे बयान वापस लेने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को अपनी कार्यकारी पार्टी की बैठक में इस मामले पर चर्चा करेगी। एक ट्वीट में स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी से एक भाषा के विचार को वापस लेने के लिए कहा।

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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी 'एक भाषा' की डिबेट को हिंदुत्व से जोड़कर सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हिंदी हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है। क्या आप इस देश की कई मातृभाषाएं होने की विविधता और खूबसूरती की प्रशंसा करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने लिखा कि भारत हिंदी, हिंदू, हिंदुत्व से भी बड़ा है। 

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि आशा-अभिलाषा है हिंदी, सबको साथ लेकर चलनेवाली भाषा है हिंदी। हिंदी साहित्य की सेवा में लगे हुए सभी लेखकों, कवियों और पत्रकारों को नमन करते हुए देशवासियों को हिंदी-दिवस की शुभकामनाएं।

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