Edited By Yaspal,Updated: 02 Feb, 2021 07:43 PM
कृषि कानूनों के खिलाफ लोकसभा में विपक्षी दलों का हंगमा जारी है। विपक्ष लगातार नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है और लगातार किसानों से चर्चा कर रही है। तोमर...
नेशनल डेस्कः कृषि कानूनों के खिलाफ लोकसभा में विपक्षी दलों का हंगमा जारी है। विपक्ष लगातार नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है और लगातार किसानों से चर्चा कर रही है। तोमर ने लगा कि नारेबाजी में समय बर्बाद न करें। हंगामें को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने कल शाम चार बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर सदन में तुरंत चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि वे एक दिन बाद, बुधवार को राष्ट्रपति अभिभाषण पर होने वाली चर्चा में अपनी बात रख सकते हैं। शून्यकाल शुरू होने पर सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाम सदस्य ई करीम और विनय विश्वम सहित कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इस नियम के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर जरूरी मुद्दे पर चर्चा की जाती है।
सभापति ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सदस्य अपनी बात कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रख सकते हैं। उन्होंने सदस्यों से संक्षिप्त में अपनी बात कहने को कहा। सुखेंदु शेखर राय, करीम, विनय विश्वम, शिवा के अलावा राजद के मनोज झा, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, सपा के रामगोपाल यादव आदि सदस्यों ने किसानों के आंदोलन का जिक्र किया और इस पर चर्चा कराने की मांग की। सभापति ने शून्यकाल में व्यवस्था देते हुए कहा कि इस मुद्दे को कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है। कुछ विपक्षी दलों के सदस्य नाराजगी जाहिर करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।