Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Oct, 2018 08:21 AM
पेट्रोल-डीजल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से परेशान सरकार ने भी निजात पाने के लिए अब वैकल्पिक ईंधन की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
नई दिल्ली(सुनील पांडेय): पेट्रोल-डीजल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से परेशान सरकार ने भी निजात पाने के लिए अब वैकल्पिक ईंधन की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले व्यावसायिक वाहनों ऑटो, टैक्सी, टैम्पो ट्रैवलर व बसों को परमिट राज से आजाद किया जाएगा। मसलन मैथनॉल, एथनॉल, इलैक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए वाहन मालिकों को परमिट नहीं लेना होगा। सरकार का मकसद है कि महंगा परमिट राज समाप्त कर डीजल-पेट्रोल से व्यावसायिक वाहनों को स्वच्छ-वैकल्पिक ईंधन पर लाना है।
इससे वैकल्पिक वाहनों का किराया 30 से 40 फीसदी सस्ता होगा, वहीं बड़े शहरों को बढ़ते प्रदूषण-कंजैशन से मुक्ति मिलेगी। इसको लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले व्यावसायिक वाहनों को परमिट से मुक्त करने का फैसला किया है। साथ ही मंत्रालय के इस प्रस्ताव को विधि मंत्रालय भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय परमिट संबंधी अधिसूचना जल्द जारी कर देगा। इस प्रोजैक्ट को खुद परिवहन मंत्री नितिन गडकरी देख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए परमिट लेना बड़ी चुनौती और महंगा खेल है। मसलन दिल्ली में ऑटो की कीमत 1 लाख 75 हजार रुपए है जबकि परमिट ब्लैक में 3.5 से 4 लाख में खरीदना पड़ता है।