Edited By prashar,Updated: 26 May, 2018 09:23 AM
राज्य शासन ने मंडियों में अत्याधिक उपार्जित स्कंध जमा होने के कारण जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि सीमित संख्या में पंजीकृत किसानों को एसएमएस के माध्यम से मण्डी में उपज बेचने के लिए बुलाया जाए। इससे स्टॉक के परिवहन की गति बढ़ेगी और किसानों को...
भोपाल : राज्य शासन ने मंडियों में अत्याधिक उपार्जित स्कंध जमा होने के कारण जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि सीमित संख्या में पंजीकृत किसानों को एसएमएस के माध्यम से मण्डी में उपज बेचने के लिए बुलाया जाए। इससे स्टॉक के परिवहन की गति बढ़ेगी और किसानों को गर्मी के मौसम में मंडी में लम्बी लाइन की परेशानियों से राहत भी मिलेगी।
किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर कहा है कि प्रदेश में बीती 15 मार्च से आगामी 26 मई तक गेहूं का शासकीय स्तर पर उपार्जन किया जा रहा है। इसी प्रकार चना, सरसों और मसूर की उपार्जन अवधि बीती 10 अप्रैल से आगामी नौ जून तक निर्धारित है।
मानसून से पहले करें भंडारण
जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि इस बार प्रदेश में समय पर मानसून आने की संभावना को देखते हुए चना, सरसों और मसूर को तत्परता से गोदामों तक पहुंचाना आवश्यक होगा। इस उपज का उपार्जन नौ जून तक किया जाना निर्धारित है। इसके अलावा प्री-मानसून या असमय वर्षा की संभावना का पता लगते ही मंडी प्रांगण में उपार्जित तथा खुले में रखे हुए स्टॉक की सुरक्षा के लिए त्रिपाल और पन्नी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।