Edited By ,Updated: 14 Jan, 2016 06:06 PM
मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, 56 वर्षीय मरीज ब्रेन सेरेब्रल हेमरेज भंवरकुआं स्थित एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे
इंदौर: मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, 56 वर्षीय मरीज ब्रेन सेरेब्रल हेमरेज भंवरकुआं स्थित एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। डॉक्टर ने उसे ब्रेन डेड मानकर अंगदान के लिए परिवार से चर्चा कर ऑर्गन डोनेशन सोसायटी को भी सूचना दे दी, लेकिन जब डॉक्टरों की टीम जांच करने पहुंची तो उसका दिमाग काम कर रहा था।
ऐसे ही एक अन्य मामले में 30 वर्षीय युवक कोमा में चला गया, तो डॉक्टरों ने ब्रेन डेड मानकर ऑर्गन डोनेशन के लिए काउंसलिंग शुरू कर दी। विशेषज्ञों की टीम पहुंची तो जांच करने पर उसकी जिंदगी की संभावना दिखी और अंगदान की स्थिति से इंकार कर दिया गया।
दरअसल, ग्रीन कॉरिडोर के जरिए पहले रामेश्वर खेड़े के लिवर, किडनी सहित पांच अंगों के दान और उसके बाद 17 वर्षीय सोनिया चौहान के दिल सहित अन्य अंगों के दान के बाद डॉक्टरों, परिजन को देशभर में ख्याति मिली। समाजसेवियों का मानना है कि इसके चलते शहर में अचानक अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ गई है। शुरू में तो सोसायटी इसे समाज में आ रहे अच्छे बदलाव के रूप में देख रही थी, मगर आठ गलत मामले आने के बाद वह भी चिंता में पड़ गई है।
इसके बाद सोसायटी ने 12 ऐसे न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजिशियन की लिस्ट अस्पतालों को दी है, जो ब्रेन डेड को प्रमाणित करेंगे। साथ ही मरीज को ब्रेन डेथ कब और किन परिस्थितियों में घोषित किया जाता है, इसके लिए आईसीयू प्रभारी को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।