Edited By shukdev,Updated: 05 Oct, 2018 12:43 AM
ब्रिटेन ने धारा 377 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह फैसला यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि एक व्यक्ति जो प्यार करता है, वह यह निर्धारित नहीं कर सकता कि समाज को उनके साथ कैसे पेश आना चाहिए। ब्रिटिश उच्चायोग ने गुरुवार को...
नई दिल्ली: ब्रिटेन ने धारा 377 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह फैसला यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि एक व्यक्ति जो प्यार करता है, वह यह निर्धारित नहीं कर सकता कि समाज को उनके साथ कैसे पेश आना चाहिए। ब्रिटिश उच्चायोग ने गुरुवार को शीर्ष अदालत के हालिया फैसले का जश्न मनाने के लिए एक समारोह का आयोजन किया था।
इस समारोह में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 का वह हिस्सा पढ़ा गया, जिसके बारे में अदालत ने फैसले में कहा था कि सहमति से दो वयस्क पुरुषों के बीच यौन क्रिया आपराधिक कृत्य नहीं है। समलैंगिक, बाई सेक्सुअल और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय के 100 से अधिक सदस्य, मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता अदालत के इस फैसले की सराहना करने के लिए एक साथ आए, और अपने मूल अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए अपनी लड़ाई का जश्न मनाया।