Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Feb, 2021 12:29 PM
शिक्षामंत्री ने नीति की प्रशंसा करते हुए इसे ‘समानता, गुणवत्ता एवं सुलभता के आधार पर तैयार प्रभावशाली,संवाद वाली, नवोन्मेषी एवं समावेशी नीति करार दिया। उन्होंने कहा, ‘कैम्ब्रिज, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, इंडोनेशिया...और कई और देशों ने...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' ने शनिवार को कहा कि शीर्षस्थ संस्थानों एवं विभिन्न देशों ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) का स्वागत विश्व के सबसे बड़े सुधार के तौर पर किया है और इसे अपने यहां लागू करने में रुचि दिखाई है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 97वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पोखरियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति काफी विचार-विमर्श कर लाई गई है और इससे भारत में ‘सुधार, प्रदर्शन एवं बदलाव' होगा।
शिक्षामंत्री ने नीति की प्रशंसा करते हुए इसे ‘समानता, गुणवत्ता एवं सुलभता के आधार पर तैयार प्रभावशाली,संवाद वाली, नवोन्मेषी एवं समावेशी नीति करार दिया। उन्होंने कहा, ‘कैम्ब्रिज, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, इंडोनेशिया...और कई और देशों ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विश्व का सबसे बड़ा सुधार कहा है और वे अपने-अपने देशों में भी लागू करना चाहते हैं। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है।, यह ‘वोकल फॉर लोकल ' (स्थानीय के लिए मुखर) का समर्थन करती है तथा यह वैश्विक स्तर पर स्थानीय है।
यह विद्यार्थियों के लिए नए तरह के अवसर लेकर आएगी।' निशंक ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नई नीति ‘मिशन स्तर' पर लागू करने में अगुआ बनने का आह्वान किया। गौरतबल है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है जो 34 साल पहले वर्ष 1986 में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्थान लेगी। इसका उद्देश्य स्कूली एवं उच्च शिक्षा में बदलाव करना है ताकि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाया जा सके।