वायु सेना प्रमुख बोले- अंतरिक्ष क्षेत्र में नतीजे संभवत: भविष्य के संघर्षों में अंतिम विजेता का फैसला करेंगे

Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Jun, 2022 02:39 PM

outcomes in space will decide the winner in future conflicts

वायु सेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियां वायु शक्ति की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाती हैं और अंतरिक्ष के क्षेत्र में नतीजे संभवत: भविष्य के संघर्षों में अंतिम विजेता का फैसला करेंगे।

नेशनल डेस्क: वायु सेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियां वायु शक्ति की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाती हैं और अंतरिक्ष के क्षेत्र में नतीजे संभवत: भविष्य के संघर्षों में अंतिम विजेता का फैसला करेंगे। भारतीय वायु सेना प्रमुख ने ‘जियो इंटेलीजेंस 2022' में अपने भाषण में कहा कि भूसमकालिक कक्षाओं के साथ पारंपरिक संचार सुरक्षाओं ने लंबी अवधि की सेवा और कवरेज के व्यापक क्षेत्र के साथ अपनी कीमत साबित की है और पृथ्वी की निचली तथा मध्यम कक्षाओं में संचार उपग्रहों के अपने फायदे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अत: हम अत्यधिक प्रसार वाली पृथ्वी की निचली कक्षा में वाणिज्यिक क्षेत्र के कई लोगों को प्रवेश करते हुए देख रहे हैं।''

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे पृथ्वी की निचली कक्षा के उपग्रहों की तकनीक विकसित होगी और हम निर्माण तथा प्रक्षेपण की कीमतें कम होती देखेंगे। चौधरी ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष के कई क्षेत्रों में क्षमता विस्तार आगे बढ़ने का एक रास्ता है, जिससे मुझे यह लगता है कि विकास नागरिक-सैन्य समन्वय बढ़ाकर तेज गति से किया जा सकता है, जो संस्थानों, उद्योगों, स्टार्टअप, अकादमिक क्षेत्र, अनुसंधान तथा विकास का मिश्रण है।'' सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली अग्रणी एजेंसी रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी वांछित क्षमताएं हासिल करने में असैन्य-सैन्य सहयोग के तालमेल में अहम भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि इससे सरकार और वाणिज्यिक अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच पारस्परिक अंतरसक्रियता बढ़ेगी।

जमीनी लड़ाइयों पर वायु शक्ति के असर की तरह एअरोस्पेस शक्ति तेजी से उभर रही है, जो जमीन पर सभी गतिविधियों को काफी हद तक प्रभावित करेगी। एअर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘एअरोस्पेस क्षेत्र में नतीजे संभवत: भविष्य के संघर्षों में अंतिम विजेता साबित होंगे।'' उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों ने संसाधनों, रणनीतियों और विचारों की भारतीय वायु सेना की योजनाओं को साकार किया है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों ने वायु शक्ति की क्षमता को बढ़ा दिया है। चौधरी ने कहा, ‘‘ये परिसंपत्तियां युद्ध क्षेत्र में पारदर्शिता प्रदान करती हैं, जो दुश्मन के इरादों को समझने में बहुत मदद करती हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की रणनीति एअरोस्पेस माध्यम की साझा तस्वीर हासिल करने के लिए हवाई और अंतरिक्ष की क्षमताओं को पूरी तरह एकीकृत करने की है। 

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