Edited By shukdev,Updated: 22 Oct, 2018 09:59 PM
गुजरात सरकार ने राज्य में इस साल कई इलाकों में हुई कम वर्षा के मद्देनजर कच्छ के पूर्व घोषित 10 और कुल 16 समेत अब 51 तालुकाओं के तीन हजार से अधिक गांवों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने सोमवार को बताया कि पहले 125 मिलीमीटर...
गांधीनगर: गुजरात सरकार ने राज्य में इस साल कई इलाकों में हुई कम वर्षा के मद्देनजर कच्छ के पूर्व घोषित 10 और कुल 16 समेत अब 51 तालुकाओं के तीन हजार से अधिक गांवों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने सोमवार को बताया कि पहले 125 मिलीमीटर से कम वर्षा वाले इलाकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था पर अब 250 मिमी से कर्म वर्षा वाले 51 तालुका को इसमें शामिल किया गया है।
इनमें सबसे कम वर्षा वाले कच्छ के सभी 10 के अलावा अहमदाबाद , बनासकांठा और मोरबी के तीन-तीन, भावनगर के एक, देवभूमि द्वारका, जामनगर और राजकोट के दो दो, सुरेन्द्रनगर के सात, पाटन के आठ और महेसाणा के चार तालुका तथा कुल मिलाकर 3291 गांव शामिल हैं। इन्हें एक दिसंबर के प्रभाव से सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में राज्य और केंद्र सरकार सूखा से निपटने के उपायों पर 3000 करोड से ज्यादा की रकम खर्च करेगी। इनमें फसल के नुकसान के लिए दो हेक्टेयर की अधिकतम सीमा में प्रति हेक्टेयर 6800 रुपए का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा पशुओं और उनके चारे आदि के लिए भी सहायता दी जाएगी। इसके अलावा नरेगा योजना के तहत 100 के बजाय 150 मानवदिन तक रोजगारी दी जाएगी। ज्ञातव्य है कि इस साल राज्य में केवल औसत से तीन चौथाई ही वर्षा हुई है। कच्छ में तो मात्र करीब एक चौथाई वर्षा ही हुई है।