राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का अमेरिका दौरा इन दिनों काफी सुर्खियों में है। यहां वह हिंदू समुदाय को एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं वहीं इसी बीच उनके शेर और कुत्ते वाले बयान को लेकर एक विवाद पैदा हो गया है...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का अमेरिका दौरा इन दिनों काफी सुर्खियों में है। यहां वह हिंदू समुदाय को एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं वहीं इसी बीच उनके शेर और कुत्ते वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है । एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उनके इस बयान का कड़ा विरोध किया है।

आरएसएस संविधान में नहीं करता विश्वास
ओवैसी ने आरएसएस से पूछा कि कुत्ता कौन है और शेर कौन है? भारतीय संविधान सबको इंसान मानता है और किसी को शेर या कुत्ता नहीं कहता। उन्होंने कहा कि आरएसएस के विचार अजीब हैं, जो दूसरों को कुत्ता कहकर और खुद को शेर जैसा बताकर लोगों को नीचा दिखाते हैं। वह भारतीय संविधान में विश्वास ही नहीं करते। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषाशैली रही है, लोग इस भाषा का जवाब देंगे।

जंगली कुत्ते अकेले शेर का कर सकते हैं शिकार: भागवत
दरअसल भागवत ने शुक्रवार को हिंदुओं से एक होने की अपील करते हुए कहा कि यदि कोई शेर अकेला होता है, तो जंगली कुत्ते भी उस पर हमला कर अपना शिकार बना सकते हैं। उन्होंने समुदाय के नेताओं से अपील की कि वे एकजुट हों और मानवता की बेहतरी के लिये काम करें। आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि हिंदू धर्म में कीड़े को भी नहीं मारा जाता है, बल्कि उस पर नियंत्रण किया जाता है। हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते। हम कीड़े-मकौड़ों को भी जीने देते हैं। ऐसे लोग हैं जो हमारा विरोध कर सकते हैं।

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