Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Aug, 2018 11:42 AM
ताजमहल पर असली मालिकाना हक किसका है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई तीन महीने बाद होगी। बता दें कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में दावा कर चुका है कि ताजमहल पर उनका मालिकाना हक है
नई दिल्ली: ताजमहल पर असली मालिकाना हक किसका है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई तीन महीने बाद होगी। बता दें कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में दावा कर चुका है कि ताजमहल पर उनका मालिकाना हक है, हालांकि उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि ताजमहल उसकी संपत्ति है।
वक्फ बोर्ड ने साथ ही में कहा कि ताजमहल ऑलमाइटी (सर्व शक्तिमान) की संपत्ति है इसलिए कोई भी इंसान इस पर अपना मालिकाना हक नहीं जता सकता। हम भी इसका मालिकाना हक नहीं मांग रहे हैं। वहीं कोर्ट का इस मामले पर कहना था कि अगर आप कोई संपति आप वक्फ की घोषित करते है तो उसकी समीक्षा की जा सकती है।
कोर्ट ने ASI से भी कहा था कि वह अगली सुनवाई में बताए कि जो सुविधाएं वक्फ को अभी दी जा रही हैं वो जारी हैं या नहीं। दूसरी तरफ ASI ने वक्फ के ताजमहल पर अपने दावे का विरोध किया। ASI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति मानते हैं तो कल को वे लाल किला और फतेहपुर सीकरी पर भी अपना दावा करेंगे। वहीं इससे पहले कोर्ट कह चुका है कि देश में ये कौन विश्वास करेगा कि ताजमहल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इस तरह के मामलों से सुप्रीम कोर्ट का समय जाया नहीं करना चाहिए।