Edited By Yaspal,Updated: 22 Jul, 2018 09:00 PM
सरकारी एजेंसियां और राजनीतिक पार्टिंयां फर्जी खबरें फैलाने, सेंशरशिप करने, मीडिया, जनसंस्थानों और विज्ञान में लोगों का विश्वास घटाने के लिए सोशल मीडिया मंचों का दोहन करने के लिए लाखों डॉलर फूंक रहे हैं।