Edited By Anil dev,Updated: 01 Aug, 2019 12:13 PM
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम के जोर बाग (Jorbagh Delhi) स्थित घर को खाली करने के आदेश दिए हैं। ED ने इस...
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट नौ अगस्त तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने पिता-पुत्र द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर दलील के बाद राहत नौ अगस्त तक बढ़ा दी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने इस मामले में दलील रखने के लिए और समय की मांग की। चिदंबरम ने अदालत से कहा कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने का कोई आधार नहीं है। यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिए जाने में की गई कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
ED ने दिल्ली आवास को खाली करने का दिया निर्देश
वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम के जोर बाग (Jorbagh Delhi) स्थित घर को खाली करने के आदेश दिए हैं। ED ने इस घर को INX मीडिया भ्रष्टाचार के मामले में सील किया था। इसी मामले में कार्ति चिदंबरम आरोपी भी हैं।
धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दिये गए पूर्व के एक आदेश के बाद बुधवार शाम कार्ति को आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया। ईडी ने पिछले साल 10 अक्टूबर को 115-ए ब्लॉक 172, जोर बाग, नई दिल्ली स्थित यह संपत्ति कुर्क की थी। नोटिस में कहा गया है कि संबद्ध प्राधिकार ने इस कुर्की की 29 मार्च को पुष्टि की थी, जिसके बाद निर्देश जारी किया गया।
गौरतलब है कि 305 करोड़ रुपये की लिप्तता वाले इस मामले में इंद्राणी के अलावा चिंदबरम, उनके बेटे कार्ति का नाम भी सामने आया है। यह मामला वर्ष 2007 में आईएनएक्स मीडिया को मिले धन के लिये विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति मिलने से संबंधित है। सीबीआई ने 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी और वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में कुल 305 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल करने में मीडिया ग्रुप को एफआईपीबी की मंजूरी देने में कथित अनियमितता का आरोप लगाया था।