Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2018 10:50 AM
पाकिस्तान की प्रख्यात सामाजिक कार्यकत्र्ता आसमा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिष्ठित मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया है। जहांगीर पाकिस्तान की सेना की खुलकर आलोचना करती थीं।
पेशावर : पाकिस्तान की प्रख्यात सामाजिक कार्यकत्र्ता आसमा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिष्ठित मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया है। जहांगीर पाकिस्तान की सेना की खुलकर आलोचना करती थीं। वह धार्मिक कट्टरपंथ और पाकिस्तान में उत्पीडऩ के शिकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती थीं। उनका निधन इस साल फरवरी में 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पडऩे से हो गया था। मानवाधिकार पुरस्कार साल 1968 से हर 5 साल बाद दिया जाता है।
अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली असमा ने पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव के मामले में भी पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। मंगलवार को एक विशेष समारोह में उनकी बेटी मुनीजा जहांगीर ने यूएन महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नाडा से यह पुरस्कार ग्रहण किया। इस मौके पर यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा, 'वैश्विक शांति बनाए रखने में असमा जहांगीर जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का योगदान अहम है।' असमा को 2005 में मैग्सेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।