Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Aug, 2017 12:18 PM
पाकिस्तान में भारत के खिलाफ सिर्फ जनता के दिलों में जहर नहीं भरा बल्कि सुप्रीम कोर्ट के जज तक नफरत पाले बैठे हैं...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में भारत के खिलाफ सिर्फ जनता के दिलों में जहर नहीं भरा बल्कि सुप्रीम कोर्ट के जज तक नफरत पाले बैठे हैं। वहां के जज अपनी जुबान से ‘हिंदुस्तान’ बोलने से भी परहेज करते हैं। सोशल मीडिया में वायरल एक हालिया भाषण के वीडियो से यह स्पष्ट है कि उनके मन में हिंदुस्तान और हिंदुओं को लेकर बहुत ज्यादा नफरत भरी हुई है।
यह साफ नहीं है कि यह भाषण उन्होंने कहां दिया है, लेकिन इतना तय है कि उर्दू में दिए गए उनके भाषण की वीडियो क्लीपिंग किसी पाकिस्तानी टीवी चैनल की है। इसमें चीफ जस्टिस निसार को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘द्विराष्ट्र के नजरिए से देखा जाए तो सर सैयद अहमद खान दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने पहली बार इस विचार को जन्म दिया कि भारत में 2 कौमें (राष्ट्र) हैं। एक मुसलमान और दूसरा जिसका अपनी जुबां से मैं नाम भी नहीं लेना चाहता।
मुसलमान पिछड़े हैं क्योंकि वे शिक्षित नहीं हैं। इस विचार को जन्म देने के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) जैसे मदरसे की बुनियाद रखी।’ चीफ जस्टिस निसार मुसलमानों के अंदर हिंदुओं के मुकाबले श्रेष्ठ होने का आत्मविश्वास पैदा करने में सर सैयद अहमद खान की भूमिका की तारीफ करते हुए आगे कहते हैं कि एएमयू ने मुसलमानों को बौद्धिक रूप से मजबूत बनाया और उन्हें यकीन दिलाया कि हिंदुओं के साथ वे कभी भी सभ्यतागत पहचान को साझा नहीं कर सकते हैं। अंत में इस विचारधारा की जीत हुई और पाकिस्तान वजूद में आया।