सरबजीत मामले में पाक कोर्ट ने सभी गवाह किए तलब, हो सकता है बड़ा खुलासा

Edited By Tanuja,Updated: 27 Sep, 2018 11:35 AM

pakistan court summons all witnesses in sarabjit s murder case

भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या के मामले में पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को सभी गवाहों को अगले महीने तलब किया है। माना जा रहा है कि इस बार सुनवाई के दौरान बड़ा खुलासा हो सकता है...

पेशावरः  भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या के मामले में पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को सभी गवाहों को अगले महीने तलब किया है। माना जा रहा है कि इस बार सुनवाई के दौरान बड़ा खुलासा हो सकता है। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में मौत की सजा पाए दो कैदियों अमीर सरफराज उर्फ तम्बा और मुदस्सर ने मई 2013 में सरबजीत पर हमला कर उसकी जान ले ली थी।
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लाहौर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुहम्मद मोइन खोखर ने अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह के अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश न होने पर मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई। सुनवाई के बाद अदालत के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पांच अक्टूबर को अगली सुनवाई के लिए मामले में सभी गवाहों को नोटिस जारी करते हुए न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के वकील को (अदालत में) उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
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उन्होंने बताया कि अब तक कोट लखपत जेल के दो गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। अधिकारी ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान एक गवाह ने अदालत से कहा था कि सरबजीत को गंभीर हालत में सर्विसेस हॉस्पिटल लाया गया था। वह सिंह का बयान दर्ज करना चाहता था, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी बेहद गंभीर हालत का हवाला देते हुए ऐसा करने से रोक दिया। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने अदालत के साथ सहयोग नहीं  करने के लिए जेल के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। सत्र अदालत में सुनवाई शुरू होने से पहले लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मजहर अली अकबर नकवी की एक सदस्यीय न्यायिक समिति ने शुरुआत में सरबजीत हत्या मामले की जांच की थी।
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नकवी ने मामले में करीब 40 गवाहों के बयान दर्ज किए और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट के तथ्य अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि न्यायिक समिति ने बयान दर्ज कराने के लिए विदेश मंत्रालय के जरिए सरबजीत के परिजनों को भी नोटिस जारी किए थे। लेकिन परिजनों ने बयान दर्ज नहीं कराए। तम्बा और मुदस्सर ने समिति को दिए बयानों में अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा था कि उन्होंने सरबजीत की हत्या की, क्योंकि वे उसके द्वारा अंजाम दिए गए बम विस्फोटों में लोगों के मारे जाने का बदला लेना चाहते थे। सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रूप से संलिप्त होने के लिए मौत की सजा दी गई थी। हालांकि, उसके परिवार का कहना है कि यह गलत पहचान का मामला था और सरबजीत बिना किसी गलत मंशा के सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था।

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