Edited By Tanuja,Updated: 25 Mar, 2021 05:39 PM
पाकिस्तान ने 23 मार्च को नेशनल डे परेड के दौरान दिखाए शाहपार-II ड्रोन को आज पहली बार दुनिया के सामने प्रदर्शित किया । यह ड्रोन शाहपार-I का अपग्रेडेड वर्जन है, जो 300 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भर सकता है...
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान ने 23 मार्च को नेशनल डे परेड के दौरान शाहपार-II ड्रोन को पहली बार दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। यह ड्रोन शाहपार-I का अपग्रेडेड वर्जन है, जो 300 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन को पाकिस्तान की ग्लोबल इंडस्ट्रियल डिफेंस सॉल्यूशन्स (GIDS) नाम की एक कंपनी ने बनाया है। बता दें कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने शाहपार-1 को साल 2013 में पहली बार पाकिस्तानी सेना और वायुसेना में आधिकारिक रूप से शामिल किया था। पाकिस्तान इस ड्रोन को भारत से लगी सीमा पर बहुत बड़ी संख्या में ऑपरेट करता है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के बॉर्डर पर भी इसका इस्तेमाल करती है। मीडियम रेंज के इस यूएवी को पाकिस्तान ने नेशनल इंजिनियरिंग एंड साइंटिफिक कमीशन सहयोग से विकसित किया है।
शाहपार-1 ड्रोन की लंबाई करीब 4.2 मीटर और पंखों की चौड़ाई 6.6 मीटर की है। इसका अपग्रेडेड वर्जन इससे भी बड़ा दिखाई देता है। ऐसे में उसके ईंधन की क्षमता और कई नए उपकरणों के साथ लैस होने की आशंका जताई जा रही है। यह ड्रोन 480 किलोग्राम तक के भार के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। लेकिन, इतने कम वजन के साथ उड़ने के कारण ही यह ड्रोन किसी मिसाइल को लेकर जाने में असमर्थ बताया जाता है। इस यूएवी या ड्रोन में ऑटोमेटिक लैंडिंग और टेकऑफ करने की क्षमता है। यह स्वतंत्र रूप से पायलट के गाइडेंस के अनुसार या उसके बिना पैराशूट के सहारे भी किसी रनवे पर उतर सकता है। पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि यह ड्रोन 14 घंटे तक हवा में मंडरा सकता है।
खासियतें
पाकिस्तान ने शाहपार-2 ड्रोन की विशेषताओं का आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है। पाकिस्तान के इस ड्रोन का इस्तेमाल सर्विलांस, आपदा के समय राहत और बचाव कार्य, टोह लेने और जासूसी करने के काम में प्रयोग किया जा सकता है। यह अनआर्म्ड ड्रोन है, मतलब इस ड्रोन में कोई भी हथियार नहीं लगा है। इस ड्रोन के पहले वर्जन को सबसे पहले नवंबर 2012 में पाकिस्तान के कराची एक्सपो सेंटर में आयोजित इंटरनेशनल डिफेंस एग्जिबिशन एंड सेमिनार के दौरान प्रदर्शित किया गया था। फरवरी 2013 में यूएई के अबू धाबी में आयोजित इंटरनेशनल डिफेंस एग्जिबिशन एंड कांफ्रेंस के दौरान भी इसे दिखाया गया था।
- इस ड्रोन में कई तरह से आधुनिक मशीने लगी हुई हैं, जिनकी सहायता से ड्रोन रात के समय भी टोही और निगरानी मिशन को अंजाम दे सकता है।
- यह 50 किलोग्राम तक का ऑप्टिकल पेलोड लेकर उड़ान भर सकता है। जिसकी मदद से रात में भी जमीन पर हो रही गतिविधियों की बारीकी से निगरानी की जा सकती है।
- इस ड्रोन में लगी मशीनों के कारण मिशन प्लानिंग, मैनेजमेंट और कंट्रोल, सटीकता के साथ किसी खास जगह की निगरानी, फुल मिशन डीब्रीफिंग और सिमुलेशन और रियल टाइम डेटा ट्रांसफर जैसे काम को किया जा सकता है।
- इसका नया वर्जन कई तरह के नए सेंसर से लैस बताया जा रहा है। जिसमें से अधिकतर को यूरोपीय देशों के अलावा चीन और तुर्की से खरीदा गया है।
- शाहपार ड्रोन में चार सिलेंडर वाली पुशर टाइप की रोटेक्स 912 यूएलएक्स इंजन लगा हुआ है। जो इस ड्रोन को 100 हॉर्सपावर तक की ताकत देता है।
- यह ड्रोन 150 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतमक रफ्तार के साथ उड़ान भरने में सक्षम बताया जा रहा है। हालांकि यह जमीन से सिर्फ 5000 मीटर की ऊंचाई तक ही उड़ान भर सकता है।
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