पाक को भारत की दो टूक, पर्याप्त साक्ष्य दिए, अब मुंबई और पुलवामा हमले के दोषियों को सजा दो

Edited By Yaspal,Updated: 27 Aug, 2020 11:05 PM

pakistan s india bluntly now punish the culprits of mumbai and pulwama attack

भारत ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते रहने और इस मामले के आरोपी जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को पनाह देने के लिए बृहस्पतिवार को पाकिस्तान की आलोचना की । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने आरोप पत्र में मसूद अजहर को प्रथम आरोपी...

नई दिल्लीः भारत ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते रहने और इस मामले के आरोपी जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को पनाह देने के लिए बृहस्पतिवार को पाकिस्तान की आलोचना की । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने आरोप पत्र में मसूद अजहर को प्रथम आरोपी बनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाकिस्तान में आतंकी दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी के बारे में बात पलटने को लेकर भी पड़ोसी देश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शित करता है कि पाकिस्तान दुनिया की उन वाजिब आकांक्षाओं को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है कि वह अपनी धरती से सक्रिय अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों पर लगाम लगाएगा। पुलवामा हमले के बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ काफी साक्ष्य साझा किए गए लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ता रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल माध्यम से साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि पुलवामा हमला मामले में करीब डेढ़ वर्ष की जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह संगठन और उसका नेतृत्व पाकिस्तान में है। यह अफसोस की बात है कि पुलवामा मामले में आरोपी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है।'' गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुलवामा मामले में आरोप पत्र दायर किया और उसमें बताया कि किस प्रकार से पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन ने इसकी साजिश रची और हमले को अंजाम दिया।

एनआइए के आरोप पत्र में अजहर, उसके भाई अब्दुल राऊफ और कई अन्य के नाम हैं। पिछले वर्ष 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाब बढ़ गया था। पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने पिछले वर्ष 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ यह (आरोपपत्र) आतंकी कृत्य के संबंध में दायर किया गया है और इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए है। हमारा मकसद सिर्फ बयान या अधिसूचना जारी करना नहीं है।''

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने मुम्बई में 2008 में हुए आतंकी हमले को अंजाम देने वालों के खिलाफ अभी तक विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की है जिस घटना में 165 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। दाऊद इब्राहम की देश में मौजूदगी पर पाकिस्तान के यूटर्न के बारे में एक सवाल के जवाब में श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान.... आतंकी संगठनों, प्रतिबंधित लोगों, वांछित लोगों के खिलाफ कभी प्रामाणिक, सत्यापन योग्य कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा इससे इंकार करना उनके इरादे पर सवाल खड़ा करता है और वह विश्व समुदाय को दुष्प्रचार को लेकर भ्रमित नहीं कर पाएगा।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिबंधित लोगों पर मुकदमे चलाए जाएं। '' गौरतलब है कि इब्राहिम का नाम उन 88 लोगों की सूची में आया था जिसे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने वैधानिक नियामक आदेश (एसआरओ) के रूप में प्रकाशित किया था। हालांकि बाद में पाकिस्तान ने इस संबंध मे मीडिया में रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। बहरहाल, श्रीवास्तव ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान के मुताबिक, एसआरओ का यह मतलब नहीं है कि वह अपने इलाके में सूचीबद्ध लोगों की मौजूदगी को स्वीकार करता है या वह इन लोगों पर कोई नया कदम उठाएगा......। इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान दुनिया की उन वाजिब आकांक्षाओं को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है कि वह अपनी धरती से सक्रिय अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों पर लगाम लगाएगा।'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने न केवल अंतरराष्ट्रीय सहमति का विरोध किया है बल्कि उसने इन पर कदम नहीं उठाने का भी फैसला किया है।

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