विश्वभर के मुस्लमानों का मसीहा बनने में जुटे इमरान खान, मोदी को बता रहे हिटलर

Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Aug, 2020 03:54 PM

pakistan s muslim love

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश के लोगों का ध्यान उनकी सरकार की नाकामियों से हटाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।

जम्मू: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश के लोगों का ध्यान उनकी सरकार की नाकामियों से हटाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इसी के साथ ही वह इस तरफ भी लगे हुये हैं कि इंटरनेशनल समुदाय का ध्यान पाकिस्तान की सरजमीन पर पनप रहे आतंकवाद से हटे और ऐसे में खान अब मुस्लमानों के मसीहा बनने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तो मोदी को हिटलर करार दे दिया है।
हैरानगी की बात यह है कि कश्मीर के मुस्लमानों का दुख समझने का दावा करने वाला पाकिस्तान अपने दोस्त चीन के उइगर मुस्लमानों के दर्द से अनभिज्ञ है। इमरान खान जब भी मुंह खोलते हैं तब ही वो कश्मीर को लेकर भारत पर निशाना साधते हैं। उन्होंने कई  बार प्रधाानमंत्री मोदी पर नरसंहार का आरोप भी लगाया है। बुधवार को इमरान खान ने कहा कि कश्मीरी लोगों के प्रति भारत की आक्रमताा को हम स्वीकार नहीं करेंगे और न ही कश्मीरी। उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज्फराबाद में एक रैली भी निकाली। परन्तु उनके पड़ोसी चीन में उइगर मुस्लमानों के साथ हो रही बर्बरता के सबूत होने के बाद भी खान की चुप्पी बरकरार है।


डाॅन अखबार में हुमा युसुफ लिखती हैं कि उइगर मुस्लमानों की हालत पर पाकिस्तान की चुप्पी कश्मीरी मुस्लमानों के लिए उसकी बेबाकी को प्र्रश्नों के घेरे में खड़ा कर देती है। खान कह चुके हैं कि दोनों मुदददे अलग हैं परन्तु यह तर्क प्र्याप्त नहीं है। यूएस आधारित एक कार्यक्रम में एश्यिा प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर मिशेल कुगलीमन ने कहा कि यह तर्क न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपना स्टेंडर्ड हाई रखना चाहिये क्योंकि जब वो कश्मीरी या फिर भारतीय मुस्लमानों की बात करता है तो बहुत नीतियां बताता है और शोर मचाता है पर उइगर मुस्लमानों को लेकर उसके पास कुछ नहीं है।


भारत और पाकिस्तान का कश्मीर विवाद
भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर को लेकर लड़ते आ रहे हैं। 1947 के बाद से दोनों को कश्मीर चाहिये। वहीं चीन इस आग में घी डालने का काम करता है। वो चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर पर करोड़ों लगा चुका है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान को चीन कई बार मदद कर चुका है। यूएस में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हकनानी के अनुसार, पाकिस्तान चीन को अपना महागुरू मानता है और ऐसा कुछ नहीं करना चाहता है जिससे बीजिंग के साथ उसके रिश्ते खराब हों। जब उनसे उइगर मुस्लमानांे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बात को आई गई करते हुये पाकिस्तान की ही तरफदारी की। उन्होंने कहा, चीन ने हमे संकट के समय सहायता की है। हम चीन के शुक्रगुजार हैं और इसलिए चीन के साथ किसी भी बात को हम निजी तौर पर लेंगे।
स्उदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिल सलमान भी चीन के हिमायती हैं और कहते हैं कि वो चीन के आतंकवादरोधी तरीकों की प्रशंसा करते हैं। तुर्की भी इस मामले में नर्म है।
    
 

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