Edited By Tanuja,Updated: 22 Aug, 2019 04:45 PM
पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के कई प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन इस दिशा में कोई भी प्रगति तभी होगी जब भारत उन्हें स्वीकार करे
पेशावरः पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को नया शगूफा छोड़ते हुए कहा कि कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के कई प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन इस दिशा में कोई भी प्रगति तभी होगी जब भारत उन्हें स्वीकार करे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "कई देशों की ओर से मध्यस्थता की पेशकश की जा रही है लेकिन हम तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जबतक भारत (उन प्रस्तावों को) स्वीकार न कर ले।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराना चाहेंगे और उन्होंने यह पेशकश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरोध पर की है। बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया कि मोदी ने ऐसी कोई पेशकश की। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तान करतारपुर गलियारे की परियोजना को समय पर पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "हमारे प्रयास और इच्छा है कि करतारपुर का काम समय पर पूरा हो।"
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को अपनी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के विदेश सचिव अब्दुल्ला रियार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि विदेश में रह रहे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाइलाइट करने के लिए कहा जाए। इमरान ने कहा कि अगले महीने न्यूयॉर्क में यूएन का जनरल असेम्बली सेशन होना है। इस दौरान कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कश्मीर मामले पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।