पैराडाइज पेपर का खुलासा: अलग अलग किस्तों में होगा सबका खुलासा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 10:33 AM

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पनामा पेपर्स के बाद पैराडाइज पेपर्स। नोटबंदी की सालगिरह से 2 दिन पहले एक बड़ा खुलासा हुआ है। खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन आई.सी.आई.जे. ने 2 ऐसी कंपनियों के दस्तावेज लीक किए हैं जो दुनियाभर के अमीर और ताकतवर लोगों को कंसल्टैंसी देती हैं।...

नई दिल्ली: पनामा पेपर्स के बाद पैराडाइज पेपर्स। नोटबंदी की सालगिरह से 2 दिन पहले एक बड़ा खुलासा हुआ है। खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन आई.सी.आई.जे. ने 2 ऐसी कंपनियों के दस्तावेज लीक किए हैं जो दुनियाभर के अमीर और ताकतवर लोगों को कंसल्टैंसी देती हैं। हालांकि यह खुलासा करने वाली संस्थाएं इंटरनैशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वैस्टिगेटिव जर्निस्ट्स का कहना है कि हो सकता है कि सारे लेन-देन कानून के दायरे में ही हुए हों लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि क्या सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इतनी कसरत की गई है या ये काले को सफेद करने, मनी लांड्रिग और जालसाजी के मामले हैं। विदेश में खोखा कंपनी या शेल फर्म बनाकर किस नीयत से पैसे जमा करवाए गए। क्या विदेश में ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए लंबा सफर बाकी है। जांच से क्या कुछ निकलेगा भी। पैराडाइज पेपर्स धमाका करते हुए कहा है किसबका खुलासा अलग-अलग किस्तों में होगा।

इन भारतीय कंपनियों के नाम हैं शामिल
पैराडाइज पेपर्स के मुताबिक पूरी रिपोर्ट अलग-अलग किस्तों में सामने लाई जाएगी। अभी तक हुए खुलासे के मुताबिक एप्पलबी और एशियासिटी की सेवाएं लेने वाली जिन भारतीय कंपनियों के नाम के खुलासे हुए हैं वे निम्न हैं:   जी.एम.आर. ग्रुप, जिंदल स्टील, हैवेल्स,हिंदुजा ग्रुप, अपोलो टायर्स, एंमार एम.जी.एफ ., वीडियोकॉन, डी.एस. कंस्ट्रक्शन और हीरानंदानी ग्रुप जैसे नाम शामिल हैं।

एप्पल ने माना बाहर स्थानांतरित किया काफी धन
पैराडाइज पेपर्स दस्तावेजों के अनुसार प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने विदेश में कमाए अपने मुनाफे की बड़ी राशि आयरलैंड से ब्रिटिश आइल स्थानांतरित किया जिसे कर चोरी के लिहाज से पनाहगाह माना जाता है। एप्पल ने एक ऑनलाइन पोस्ट में इसकी पुष्टि की है और कहा कि इसके तहत उसने यह सुनिश्चित किया कि अमरीका उसके कर दायित्वों व भुगतान में कोई कमी नं हो। अमरीका की इस प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी ने 2013 में स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने करों का समुचित भुगतान कर रही है। इसके बाद उसने अपनी विदेशी नकदी का एक बड़ा हिस्सा चैनल आइलैंड केजर्सी में स्थानांतरित कर दिया।

पैराडाइज पेपर्स में 50 साल के रिकॉर्ड
पैराडाइज पेपर्स में करीब 70 लाख कर्ज समझौते, वित्तीय ब्यौरे, ई-मेल, ट्रस्ट के कागजात और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। ये करीब 50 साल के रिकॉर्ड हैं जिन्हें बरमूडा की एक लीगल कंसल्टैंट कंपनी एप्पलबाय के कंप्यूटर रिकार्ड से उड़ाया गया है।

आयकर रिटर्न की होगी जांच
सी.बी.डी.टी. ने कहा कि देश भर में आयकर विभाग की जांच इकाइयों को इन सूचनाओं को लेकर सतर्क कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समूह पैराडाइज पेपर्स में भारत के जिन 714 व्यक्तियों तथा इकाइयों के नाम आए हैं उनके आयकर रिटर्न के ब्यौरे की जांच करेगा और उसके पश्चात जरूरत पडऩे पर उपयुक्त कार्रवाई करेगा।

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