13 साल बाद होने वाले निकाय चुनाव में बाद बदलेगी साम्बा की  नगरपालिकाओं  की किस्मत

Edited By Monika Jamwal,Updated: 17 Sep, 2018 08:21 PM

panchayat election can change the destiny of samba

राज्य में एक दिन पहले ही नगरपालिका चुनावों का ऐलान होते ही अब इसकी चर्चा जोरों शोरों पर चलना शुरू हो गई है और चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों ने अपने दम पर प्रचार करना भी शुरू कर दिया है, जिससे साफ दिख रहा है कि यह चुनाव बहुत ही अहम होंगे।

 साम्बा (अजय): राज्य में एक दिन पहले ही नगरपालिका चुनावों का ऐलान होते ही अब इसकी चर्चा जोरों शोरों पर चलना शुरू हो गई है और चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों ने अपने दम पर प्रचार करना भी शुरू कर दिया है, जिससे साफ दिख रहा है कि यह चुनाव बहुत ही अहम होंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्ष 2005 में नगरपालिका के चुनाव हुए थे और उसका कार्यकाल खत्म होते ही यह मामला अधर में लटक गया था, कई बार बीच में चुनाव करवाने के कयास भी लगाए गए, परंतु किसी ने इसके लिए सही तरीके से दम नहीं रखा।

PunjabKesari

राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने चुनावी भाषणों के नगरपालिका के विकास के लिए भी इसके चुनाव करवाने का ऐलान किया था, परंतु जब तक सत्ता उनके पास रही, सिर्फ बातें करने तक की काम रखा और ऐसे में नए राज्यपाल आने से पहले ही एक संकेत मिलना शुरू हो गए थे कि यह राज्य में चुनाव की ढगर को पटरी पर लाने का काम करेंगे और ऐसा ही देखने को मिला। नैशनल कांफ्रैंस और पी.डी.पी. के चुनाव बायकाट करने के स्टंट पर ही राज्यपाल ने कोई ढीलापन नहीं दिखाया और अखिरकार चुनावों की घोषणा कर दी, जिससे अब साफ साबित है कि राज्य में 13 साल के नगरपालिका के चुनाव होंगे और इनकी किस्मत का पिटारा खुलेगा।

जिला साम्बा में चार नगरपालिका हल्कों में साढ़े 31 हजार वोटर चुनेगें 56 पार्षद 
जिला साम्बा के लिए निकली नई नोटीफिकेशन में इस बार चार नगरपालिका के क्षेत्र है और इनमे कुल 56 वार्डों में 31 हजार 611 वोटर हैं। साम्बा नगरपालिका की बात की जाए तो इस बार साम्बा शहर की मंडियों को मिलाकर चार ओर वार्ड बने है, जिससे अब संख्या 17 वार्ड है और वोटर की संख्या 15 हजार 728 है, इसके इलावा विजयपुर नगरपालिाक के 13 वार्डो में 5227, रामगढ़ नगरपालिका में 4447 और बड़ी-ब्राह्मणा नगरपालिका में 6209 वोटरों की संख्या है। पिछले कई सालों से चुनाव नहीं होने के चलते नए वोटर ही अब अपने पार्षद की किस्मत का फैसला करेंगे।

PunjabKesariकई वर्षो से अधर में लटके कामों को मिलेगी राह
राज्य में वर्ष 2005 के बाद नगरपालिका चुनाव का समयसीमा खत्म होने के बाद, विकास की रफ्तार भी रूक गई। कई बड़े प्रौजैक्ट लटक गए, जिससे लोगों को विकास की रफ्तार धीमी पड़ती हुई नजर आई। हालांकि बावजूद इसके भी पूर्व पार्षदों ने अपने दर्जे को जारी रखते कई काम करवाए, परंतु ऐसे स्पीड से काम नहीं हो पाए जो एक कार्यकाल पार्षद के दौरान हो सकते थे। साम्बा शहर के वार्डो की हालत ही दयनीय में बनी हुई है, काम तो बहुत आए, लेकिन बेहतर समर्थन नहीं होने के चलते कुछ वापिस चले गए तो कुछ कम गुणवत्ता के साथ हुए, जिससे साफ साबित हो रहा है कि नए पार्षद बनने से नगरपालिका को एक बेहतर फंड मिलेगा और अच्छा विकास होगा। इसके इलावा बाजार में पानी की समस्या की निपटने के लिए भी एक मुख्य चुनौती रहेगी। 

PunjabKesari


साम्बा मंडियों की हदबंदी और आरक्षित सीटों को लेकर मचा बबाल क्या देगा रंग
साम्बा नगरपालिका में नए वार्ड बनने के बाद उनकी हदबंदी और आरिक्षत होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और यह सवाल उठना लाजिम है, क्योंकि आंकड़े यह बता रहे हैं कि जिस वार्ड में एस.सी.वर्ग की संख्या 90 प्रतिशत है वहां की सीट जनरल के लिए रिजर्व रखी गई है, जबकि इसके उलट जनरल वार्ड वर्ग के दायरें में एस.सी. वर्ग के सीट आरक्षित कर दी गई, जिससे दोनों वर्ग लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं और चुनाव का बायकाट करने का ऐलान भी कर चुके हैं। इसके इलावा हदबंदी पर भी यही सवाल उठ रहे हैं कि एक परिवार का सदस्य वोट वार्ड में है तो उसी परिवार के दूसरे सदस्य का वोट पंचायत में डाला गया है, जिससे यह समझ नहीं आ रही है कि दफ्तर में बैठक यह हदबंदी का फैसला कौन कर गया, जिससे साम्बा रोष सीमा में सुलग रहा है। वहीं अब चुनाव के समय में यह देखना दिलचस्व होगा कि इसमें यह लोग कौन सा फैैसला लेंगे।


क्या युवा पार्षद बदल सकते हैं साम्बा नगरपालिका का दशा
राज्य में 13 साल बाद हो रहे इन नगरपालिका के चुनावों के लिए हर तरफ युवा उम्मीदवार की चर्चाओं का बाजार गर्म है और कईयों ने इसके लिए दावेदारी भी पेश कर दी है। वोटर भी यही मान रहे है कि विकास को पटरी पर लाने के लिए युवा पार्षद अहम भुमिका निभा सकते हैं। कई वार्ड में युवा उम्मीदवार अपनी दावेदारी भी पेश कर रहे है, जिससे यह चुनाव खास हो सकते हैं। युवा आयु को वोटर भी यह मान रहा है कि मौजूदा समय में जिस तरह के हालात देश में चल रहे हैं, उससे उन्हें ऐसे पार्षद की जरूरत है जो कि अधुनिक दौर से पूरी तरह से ज्ञात हो और लोगों की समस्याओं का हल करने में समक्ष हो। इसके इलावा युवा उम्मीदवार सोशल मीडिया का सहारा लेकर इसका प्रचार और सर्वे भी कर रहे हैं।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!