पेंडोरा पेपर मामलाः सीबीडीटी की अध्यक्षता में बहुस्तरीय एजेंसियों द्वारा की जाएगी जांच

Edited By Yaspal,Updated: 04 Oct, 2021 07:11 PM

pandora paper case investigation to be done by multilevel agencies

दुनिया भर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स'' में कारोबारियों सहित सैकड़ों धनाढ्य भारतीयों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि इनमें से कई भारतीयों ने कुछ गलत करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ‘इंटरनेशनल...

नई दिल्लीः दुनिया भर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स' में कारोबारियों सहित सैकड़ों धनाढ्य भारतीयों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि इनमें से कई भारतीयों ने कुछ गलत करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई। पेंडोरा पेपर मामले की केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बहुस्तरीय एजेंसियों द्वारा जाँच की जायेगी।

इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स' (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया। इस सूची में 300 से अधिक भारतीयों के नाम शामिल हैं। अब तक सामने आए ‘पेंडोरा पेपर्स' के भारतीयों की सूची में अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, जैकी श्रॉफ, किरण मजूमदार-शॉ, नीरा राडिया, सचिन तेंदुलकर और सतीश शर्मा शामिल हैं। ऑक्सफैम इंडिया ने ‘पेंडोरा पेपर्स' का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने और कर चोरों के पनाहगाह (टैक्स हैवन) को खत्म करने की अपील की है।

ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, ‘‘कर चोरों के पनाहगाह की वजह से दुनिया भर की सरकारों को हर साल 427 अरब अमेरिकी डॉलर की चपत लगती है। इससे विकासशील देश सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कर चोरी करने वालों के लिये पनाहगाह का उपयोग करने वाले निगम और धनी व्यक्ति उन लोगों से आगे निकल रहे हैं, जो ऐसा नहीं करते। टैक्स हैवन से अपराध और भ्रष्टाचार को फलने-फूलने में मदद मिलती है।'' जिन लोगों के नाम ‘पेंडोरा पेपर्स' में सामने आए हैं, उनमें से कई ने वित्तीय गड़बड़ी के आरोप को खारिज किया।

जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन की प्रमुख मजूमदार-शॉ ने ट्विटर पर लिखा, "पेंडोरा पेपर्स से जुड़ी मीडिया की खबरों में मेरे पति के विदेशी ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से शामिल किया जा रहा है जो एक वास्तविक, वैध ट्रस्ट है और स्वतंत्र ट्रस्टियों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। भारत में रहने किसी भी व्यक्ति के पास ट्रस्ट की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं है, जैसा कि इन खबरों में आरोप लगाया गया है।" तेंदुलकर के वकील ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी का निवेश वैध है और कर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई है।

दुनिया भर की 14 कंपनियों से मिले लगभग एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों की पड़ताल से भारत सहित 91 देशों एवं क्षेत्रों के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के गुप्त निवेशों का खुलासा हुआ है। ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई। इन मीडिया संस्थानों में बीबीसी, द गार्डियन, द वाशिंगटन पोस्ट, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन और भारत का द इंडियन एक्सप्रेस शामिल हैं।

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