परमबीर सिंह ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग

Edited By Yaspal,Updated: 22 Mar, 2021 05:15 PM

parambir singh knocked on the door of the supreme court

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की फौरन सीबीआई से ‘पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र'' जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।...

नई दिल्लीः मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की फौरन सीबीआई से ‘पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र' जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया। सिंह, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को ‘मनमाना' और ‘गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है।

सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, ‘‘याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया है।''

सिंह ने आरोप लगाया है, ‘‘देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था। साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।''

सिंह ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर पदस्थापना/तबादला में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था।

सिंह ने कहा, ‘‘अनिल देशमुख के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें (रश्मि को) पद से हटा दिया गया। '' मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने दावा किया कि देशमुख विभिन्न जांच में दखलअंदाजी कर रहे थे और पुलिस अधिकारियों को अपने मन के अनुरूप एक खास तरीके से जांच करने का निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख का इस तरह का कार्य गृह मंत्री के आधिकारिक पद का दुरूपयोग है...। ''

सिंह ने कहा कि इसलिए गृहमंत्री के आधिकारिक पद के दुरूपयोग जैसे प्रत्येक कृत्य की निष्पक्ष सीबीआई जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उन्होंने फौरन ही मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में देशमुख के भ्रष्ट आचरण को लाया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद 17 मार्च को महाराष्ट्र सरकार की एक अधिसूचना के जरिये उनका मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से होम गार्ड विभाग में मनमाने और गैरकानूनी तरीके से तबादला कर दिया गया, जबकि उन्होंने उस पद पर दो साल का न्यूनतम निधार्रित कार्यकाल भी पूरा नहीं किया था।

सिंह ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध कार मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले की जांच अब एनएआई कर रही है। वाहन से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं। उन्होंने कहा कि देशमुख ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही शुरू करने की धमकी दी है। उन्होंने देशमुख के कदाचार का खुलासा करने पर बदले की कार्रवाई के तहत उन पर (सिंह पर) किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई से संरक्षण के लिए निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है।

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