संसद ने मंगलवार को वायुयान संशोधन विधेयक 2020 (Aircraft Amendment Bill 2020) को मंजूरी दे दी जिसमें नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रुपए से बढ़कर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है। लोकसभा में यह विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ था जबकि राज्यसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज इस विधेयक
नेशनल डेस्कः संसद ने मंगलवार को वायुयान संशोधन विधेयक 2020 (Aircraft Amendment Bill 2020) को मंजूरी दे दी जिसमें नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रुपए से बढ़कर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है। लोकसभा में यह विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ था जबकि राज्यसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। इस तरह इस विधेयक पर संसद की मुहर लग गई है। वहीं इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह पीपीपी मॉडल हवाई अड्डे को विकसित करने के नाम पर घोटाला है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अडानी समूह ने छह हवाई अड्डों के संचालन और विकास के लिए बोलियां जीती हैं।
एक निजी संस्था को हवाई अड्डे सौंपना मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है। सरकार ने अपने ही कुछ मंत्रालयों और विभागों की सलाह को नजरअंदाज कर दिया। मानदंडों में बदलाव से अडानी समूह को सभी छह बोलियों को जीतने में सफलता मिली। वहीं नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस विधेयक पर हुई चर्चा में कहा कि कुछ सदस्यों ने एटीसी कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया है जबकि हकीकत यह है कि पिछले तीन सालों में तीन हजार एटीसी नियुक्त किए गए हैं।
हवाई अड्डों का निजीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको ऐतिहासिक परिद्दष्य में देखा जाना चाहिए। साल 2006 में दिल्ली और मुंबई के दो प्रमुख हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया था और उसके परिणाम स्वरूप अब तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को 29 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद इन दोनों हवाई अड्डों पर यात्री ट्रैफिक में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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