नए निजाम में बदली लोकसभा की संस्कृति, बजट सत्र में 9 बिल पास

Edited By Yaspal,Updated: 20 Jul, 2019 08:53 PM

parliament of lok sabha replaced in new nizam passes 9 bills in budget session

लोकसभा में नवनियुक्त स्पीकर ओम बिड़ला ने शुक्रवार को एक महीना पूरा कर लिया है। इस दौरान 17वीं लोकसभा में उन्होंने 6 से ज्यादा महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें संसदीय कार्यवाही के दौरान एक घंटे के शून्य काल की परंपरा...

नेशनल डेस्कः लोकसभा में नवनियुक्त स्पीकर ओम बिड़ला ने शुक्रवार को एक महीना पूरा कर लिया है। इस दौरान 17वीं लोकसभा में उन्होंने 6 से ज्यादा महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें संसदीय कार्यवाही के दौरान एक घंटे के शून्य काल की परंपरा खत्म करने के अलावा विपक्ष को बहस के अंत तक मंत्री के जवाब के बाद सफाई का मौका देने जैसी नई परंपरा की शुरूआत भी शामिल है। गुरुवार को लोकसबा में सबसे लंबी अवधि शून्यकाल हुआ। इसमें रिकॉर्ड 162 सांसदों ने मुद्दे उठाए।

बीते करीब एक महीने से चल रहे 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की उत्पादकता फिलहाल 128 फीसदी है। प्रश्नकाल में प्रतिदिन औसतन 3 से 4 की जगह 8 से 9 सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके अलावा ऐसा पहली बार हुआ है, जब पहले ही सत्र में पहली बार चुनकर आए करीब 90 सांसदों को पहले ही सत्र में बोलने का मौका मिला हो।

स्पीकर ओम बिरला का प्रयास लाया रंग
बीते गुरुवार को स्पीकर ओम बिड़ला ने सबसे लंबी अवधि (4 घंटे 48 मिनट) का शून्यकाल चलाने का कीर्तिमान बनाया। कार्यवाही रात 11 बजे तक चली। इसी दौरान 30 फीसदी सांसदों ने मुद्दे उठाए। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, “अब तक इतनी लंबी अवधि के शून्यकाल का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे पहले शून्यकाल में कभी भी 70 से अधिक सांसदों ने मुद्दे नहीं उठाए हैं। वर्तमान सत्र में अब तक 9 बिलों को मंजूरी मिल चुकी है।
PunjabKesari
नए निजाम में कार्यवाही का अहम हिस्सा प्रश्नकाल का भी चेहरा बदल गया है। पहले बेहतर स्थिति में भी प्रतिदिन औसतन तीन से चार सवाल ही पूछे जाते रहे हैं। इस बार पांचवें हफ्ते तक प्रतिदिन प्रश्न पूछे जाने का औसत करीब नौ है। प्रतिदिन एक ही मंत्रालय के सवाल को उससे मिलते जुलते दूसरे सवालों से जोड़ा जा रहा है।

अब तक 9 बिल पारित हो चुके हैं
पहले ही सत्र में स्पीकर ने सूची का सबसे अंतिम और 20वां सवाल पुछवाकर सबको हैरत में डाला था। नतीजा यह रहा कि संसद में इस बजट सत्र के दौरान पिछले 20 साल की तुलना में कामकाज की दर 128 फीसदी रही। बजट सत्र के दौरान अब तक 21 बिल पेश किए गए, जिनमें से 9 पारित हो चुके हैं।

हर लोकसभा में सांसद बोलने का मौका नहीं मिलने का रोना रोते रहे हैं। इस बार तस्वीर इसके उलट है। इस लोकसभा में पहली बार चुन कर आए 277 सांसदों में से 90 फीसदी सांसदों को पहले ही सत्र में बोलने का मौका मिल चुका है। पहली बार स्पीकर ने शून्यकाल के किसी नोटिस को अस्वीकार नहीं किया है। इसके कारण कार्यवाही और शून्यकाल का समय भी करीब करीब प्रतिदिन बढ़ाना पड़ा है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!