Edited By Yaspal,Updated: 25 Sep, 2020 09:33 PM
राजनीतिक दलों को अब अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों पर अनिवार्य रूप से उसके उम्मीदवारों पर लंबित अपराधिक मामलों समेत पूरा विवरण प्रकाशित करना होगा। साथ ही ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों के बारे में भी सूचित करना होगा ताकि मतदाता को पूरी जानकारी...
नई दिल्लीः राजनीतिक दलों को अब अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों पर अनिवार्य रूप से उसके उम्मीदवारों पर लंबित अपराधिक मामलों समेत पूरा विवरण प्रकाशित करना होगा। साथ ही ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों के बारे में भी सूचित करना होगा ताकि मतदाता को पूरी जानकारी मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस वर्ष फरवरी में दिए गए निर्देशों के बाद मार्च में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन क्यों किया? बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार पूरी तरह ऐसा होगा, जहां पार्टियों को अपने उम्मीदवारों से संबंधित ऐसे विवरण सार्वजनिक करने होंगे।पार्टियों को इस बारे में भी सफाई देनी होगी कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य लोग बतौर उम्मीदवार क्यों नहीं चुने जा सके?
आयोग ने शुक्रवार को कहा, '' मात्र चुनाव जीतने की क्षमता के अलावा उम्मीदवारों के चयन के पीछे के कारणों के साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता, उपलब्धियां और योग्यता संबंधी सूचना भी देनी होगी।'' उन्होंने कहा, '' सभी राजनीतिक दलों को (केंद्र और राज्य चुनाव स्तर पर) अनिवार्य रूप से अपनी वेबसाइट पर उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवारों पर लंबित आपराधिक मामलों के साथ ही उम्मीदवारों के बारे में विस्तृत विवरण प्रकाशित करना होगा। साथ ही उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के कारणों की भी सूचना देनी होगी। यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य लोगों को उम्मीदवार के तौर पर क्यों नहीं चुना गया?''
चुनाव आयोग ने कहा कि इसके साथ ही स्थानीय भाषा के एक अखबार के अलावा एक राष्ट्रीय अखबार में भी इस जानकारी को प्रकाशित करना होगा। इसके अलावा, पार्टियों को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया मंच जैसे फेसबुक और ट्विटर आदि पर भी यह जानकारी साझा करनी होगी।