जिन्ना के कारण नहीं हुआ भारत-पाकिस्तान का बंटवारा : फारुख अब्दुल्ला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 10:36 AM

partition of indo pak did not happen due to jinnah

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने 3 फरवरी को भारत-पाकिस्तान के बंटवारे को लेकर एक बयान दिया है। इस बयान में मोहम्मद अली जिन्ना का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि इस बंटवारे में वह निर्दोष है। जिन्ना...

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने 3 फरवरी को भारत-पाकिस्तान के बंटवारे को लेकर एक बयान दिया है। इस बयान में मोहम्मद अली जिन्ना का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि इस बंटवारे में वह निर्दोष है। जिन्ना नहीं चाहते थे कि भारत का बंटवारा हो और पाकिस्तान बने। उन्होंने कहा कि मोहम्मद सिर्फ उस कमीशन की बात मानने के पक्ष में थे जिसमें, मुस्लिमों, सिखों समेत कई अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार देने की बात कही जा रही थी। उस समय जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद व सरदार पटेल ने अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार देने से साफ इनकारकिया था जिसके चलते देश का बंटवारा हुअा।

 
जिन्ना पाकिस्तान की मांग पर अड़ गए 
बताया जा रहा है कि फारुख अब्दुल्ला शनिवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, जम्मू की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कमीशन में फैसला हुआ था कि हिंदुस्तान का बंटवारा करने के बजाय मुसलमानों के लिए अलग से लीडरशिप रखेंगे। इतना ही साथ ही अल्पसंख्यकों और सिखों के लिए अलग से व्यवस्था रखेंगे। अगर उस वक्त पंडित नेहरु, मौलाना आजाद और पटेल ने फैसला लेने में गलती न करी होती तो न पाकिस्तान बनता और न ही बांग्लादेश। साथ भी भारत का भी यह रूप नहीं देखने को मिलता. तीनों एक देश का हिस्सा होते। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ राजनेता ने कहा कि उस दौर में बोए गए नफरत के बीज का असर आज भी समाज झेल रहा है. हम धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर कब तक लोगों को बांटते रहेंगे।

राहुल कुछ दिन पहले ही पार्टी अध्यक्ष बने
वहीं अब्दुल्ला ने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन न होने पर कहा कि इन नतीजों के आधार पर वह राहुल गांधी की सफलता या असफलता का हिसाब नहीं हो सकता है। राहुल कुछ दिन पहले ही पार्टी अध्यक्ष बने हैं, उन्हें पार्टी से जुड़ी सारी बातें समझने में थोड़ा वक्त लगेगा. अगर कांग्रेस जनहित में फैसले लेगी तो स्वभाविक है कि वह दोबारा सत्ता में वापसी करेगी।

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