Edited By Hitesh,Updated: 24 Jun, 2021 01:49 PM
भारत में कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है। अब तक देश के चार राज्यों- महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में इसके कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं। अब देश के कुछ वैज्ञानिक इसको बेअसर करने के तरीकों को खोजने में जुट गए हैं,...
नेशनल डेस्क: भारत में कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है। अब तक देश के चार राज्यों- महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में इसके कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं। अब देश के कुछ वैज्ञानिक इसको बेअसर करने के तरीकों को खोजने में जुट गए हैं, लेकिन इस खतरे के सामने आने के बावजूद देश के कई हिस्सों में या तो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं या फिर दिखावे के लिए ठोढ़ी पर लटका रखते हैं। स्वास्थ्य मंत्रलय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि दो व्यक्तियों के मास्क नहीं पहनने और पर्याप्त शारीरिक दूरी नहीं रखने से संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक बढ़ जाता है। अगर गैर संक्रामक व्यक्ति मास्क पहनता है तो संक्रमण का जोखिम 30 फीसदी तक कम हो जाता है। आपको बता दें कि बहुत से लोगों का कहना है कि टीकाकरण के बाद वह कोरोना से संक्रमित हो गए। विशेषज्ञों के मुताबिक मास्क प्रोटोकाल का पालन नहीं किए जाने के चलते टीकाकरण केंद्र सुपरस्प्रेडर का जरिया बन रहे हैं।
लोगों से पूछा गया कि टीकाकरण केंद्रों पर मास्क पहनने के प्रोटोकाल का कितने लोग पालन करते हैं तो मात्र दो फीसद ने कहा कि इसका बिल्कुल अनुपालन नहीं किया जाता है। चार फीसद ने कहा कि 0-30 फीसदी मास्क पहनते हैं, 26 फीसदी ने कहा 30-60 फीसदी, 47 फीसद ने कहा कि 60-90 फीसदी और 21 फीसदी ने कहा कि 90 फीसदी से अधिक लोग ठीक तरह से मास्क पहनते हैं। अगर इसका औसत निकाला जाए तो 32 फीसदी लोगों का मानना है कि टीकाकरण केंद्रों पर मास्क पहनने के प्रोटोकाल का सीमित संख्या में अनुपालन किया जाता है।