Edited By Monika Jamwal,Updated: 03 Apr, 2020 04:38 PM
लोग धीरे-धीरे अब पिछले करीब एक पखवाड़े से चल रहे लाॅकडाउन के अभ्यस्त हो चले हैं।
साम्बा (संजीव)ः लोग धीरे-धीरे अब पिछले करीब एक पखवाड़े से चल रहे लाॅकडाउन के अभ्यस्त हो चले हैं। तेजी से फैलते कोरोना वायरस के चलते गत माह 22 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा एक दिन के जनता कफ्र्यु की अपील की थी लेकिन उसके बाद ही देश भर में लॉकडाउन की स्थिति है। कोरोना के डर और सरकार की घोषणा के बाद अब स्थिति यह है कि लोग स्वयं ही धीरे-धीरे लाॅकडाउन के अभ्यस्त होने लगे हैं।
चैक-चैराहों पर अब पुलिस को भी आमतौर पर बल प्रयोग नहीं करना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक बाजार की सडकें सूनी रहती हैं। सुबह 8 से 11 बजे के बीच लोग फल-सब्जी या खाद्यान्न खरीदने के लिए निकलते हैं। पुलिस की टीमें भी इस बीच गश्त करती है, ताकि 11 बजते ही सभी लोग अपने घरों में चले जाएं। खाद्यान्न के अलावा रसोई गैस, पेट्रोल पंप व बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र ही खुले रहते हैं। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।
लाॅकडाउन को लागू कराने में शुरू में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब आमतौर पर जरूरतमंद ही सडक पर आते हैं। लोग लाॅकडाउन का पालन इस कदर कर रहे हैं कि नवरात्रों और रामनवमी के अवसर पर भी बाहर नहीं आए। न ही मंदिरों में भीड़ दिखी और न ही सांखें प्रवाहित करने वाले नदी तटों पर पहुंचे। नगर पालिकाओं के वाहन में लोगों ने नवरात्र की पूजा सामग्री व सांखें डाली जिन्हें बाद में जल में प्रवाहित किया गया। भीड़ एकत्र न हो, इसलिए लोगों द्वारा सभी नए उदघाटन समारोह, पारिवारिक व शादी समारोह टाल दिए गए हैं।
वहीं घरों में बंद लोगों का जीवन भी अनुशासित हुआ है। कई लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी दिनचर्या में काफी बदलाव आया है। कुछ योग व अन्य व्यायाम कर रहे हैं तो कई पूजा-पाठ में समय दे रहे हैं। कुछ मनपसंद संगीत सुनकर तो कुछ ड्राईंग-पेंटिंग जैसे अपने पुराने शौक पूरे कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई तो अपनी पाक कला का प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर भी शेयर कर रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि वह खान-पान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं जबकि बच्चों को फास्टफूड नहीं मिल पा रहा है जो अभिभावकों के लिए राहत की बात है।